Edited By ,Updated: 01 Aug, 2015 07:44 PM
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज सवाल किया कि सरकार ने जिस तरह से याकूब मेमन के मामले में तत्परता दिखायी वैसी ही शीघ्रता राजीव गांधी हत्या मामले के दोषियों के खिलाफ क्यों नहीं दिखाई गई।
पणजी: कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज सवाल किया कि सरकार ने जिस तरह से याकूब मेमन के मामले में तत्परता दिखायी वैसी ही शीघ्रता राजीव गांधी हत्या मामले के दोषियों के खिलाफ क्यों नहीं दिखाई गई। उच्चतम न्यायालय ने पिछले हफ्ते राजीव गांधी हत्या मामले में तीन दोषियों को सुनाए गए मृत्युदंड को कम करने के खिलाफ केन्द्र की सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया था।
दिग्विजय ने कहा, ‘‘कांगे्रस पार्टी का मत है कि जहां तक आतंकवाद का सवाल है उससे कोई समझौता नहीं हो सकता। हम मेमन 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के दोषी की दया याचिका पर लीक से हटकर विचार करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सराहना करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि लेकिन दूसरी तरफ एनआईए ने एक वरिष्ठ वकील से कहा कि वह हिन्दू कट्टरपंथियों की संलिप्तता वाले आतंकवादी मामले में धीमी गति से चले। उन्होंने यह बात विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालियान के आरोपों का जिक्र करते हुए कही।
दिग्विजय ने कहा, ‘‘याकूब मेमन की फांसी में जिस तरह की तत्परता दिखाई गई, राजीव गांधी के हत्यारों के मामले में और भुल्लर के मामले में इस तरह की तत्परता क्यों नहीं दिखाई गई। सिख आतंकवाद के आरोपी भुल्लर के मामले में उच्चतम न्यायालय ने तीन बार सुनवाई की और उसकी मौत की सजा को कम कर आजीवन कारावास में बदल दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पांच साल तक उसकी फांसी में विलंब हुआ। हम इस बात को मजबूती से कहना चाहते हैं कि आतंकवाद को किसी धर्म, जाति या पंथ से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘कांग्रेस हमेशा से उन राजनीतिक दलों का विरोध करती है जो कट्टरपंथ का इस्तेमाल मतदाताओं के धु्रवीकरण के लिए करते हैं।’’