डीजल टैक्सी बैनः केंद्र ने खटखटाया SC का दरवाजा, नुक्सान में BPO सेक्टर

Edited By ,Updated: 05 May, 2016 01:58 PM

ban on diesel run taxis to affect bpos centre tells sc

दिल्ली-एनसीआर में डीजल टैक्सी बैन के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में डीजल टैक्सी बैन के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। काेर्ट में दलील देते हुए केंद्र ने कहा कि प्रतिबंध से बीपीओ-कॉल सेंटर वाली कंपनियां के कामकाज पर असर पड़ा है। यही नहीं, ऐसे हालात रहे तो विदेशी कंपनियां भी देश छोड़ सकती हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 9 मई को होगी।

कंपनियां क्यों नहीं चलातीं बसें 
मामले में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कोर्ट से कहा कि बीपीओ-कॉल सेंटर वाली कंपनियां बड़ी संख्या में कर्मचारियों के लिए डीजल टैक्सी का प्रयोग करती हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि अगर ऐसा है तो कंपनियां बसें क्यों नहीं चलातीं? जवाब में कुमार ने कहा कि कैब का इस्तेमाल रात में पिक-ड्रॉप के लिए किया जाता है, जाेकि सुरक्षा के मसला से भी जुड़ा हुआ है।

1 मई से लगा बैन
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में कमर्शियल टैक्सी ऑपरेटर्स द्वारा डीजल गाड़ी चलाने पर 1 मई से प्रतिबंध लगा दिया था। टैक्सी ऑपरेटर्स की अपील को ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा था कि राजधानी में प्रदूषण का मुद्दा अहम है। इसलिए सभी टैक्सी ऑपरेटर्स को सीएनजी आधारित टैक्सी चलाने के निर्देश दिए गए। काेर्ट के इस फैसले के खिलाफ बीते दिनों कैब ऑपरेटर्स सड़कों पर उतर आए। उनका कहना है कि इस फैसले से हजारों परिवारों की राेजी-राेटी पर असर पड़ेगा।

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