Edited By ,Updated: 25 Jun, 2016 08:01 PM
एक माता-पिता अपनी बच्ची का इलाज करवाने में इतने असमर्थ हैं कि उन्होंने बच्ची के लिए इच्छा मृत्यु की अनुमति...
चित्तूर: एक माता-पिता अपनी बच्ची का इलाज करवाने में इतने असमर्थ हैं कि उन्होंने बच्ची के लिए इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। किराना दुकान में काम करने वाला रमनप्पा और उसकी सरस्वती इस हाल में नहीं हैं कि वे अपनी आठ माह की बच्ची का इलाज करवा सकें। यह दंपति मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडु की जिला चित्तूर का वासी है।
इस बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने घोषणा कर दी है कि वह बच्ची के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए खर्च उठाएगी। सरकार ने 30 लाख रुपये दिए हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कामीनेनी श्रीनिवास ने अपोलो अस्पताल को बच्ची के इलाज का निर्देश दिया है। इस दंपति ने कोर्ट में इच्छामृत्यु के लिए दरखास्त दे दी थी । बथलापुरम रेलवे गेट के पास इस दंपति का छोटा सा घर है। पीड़ित माता-पिता ने कोर्ट से याचना कर कहा था कि राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि उनकी बेटी के इलाज का खर्च उठाए या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति दे।
दरअसल इस नन्ही सी जान को लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है जिसमें 50 लाख का खर्च आएगा। रमनप्पा कहते हैं वे दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज ले चुके हैं लेकिन बच्ची फिर भी ठीक नहीं हुई।