आज भी है क्रिकेट के ‘भगवान’ सचिन को इस बात का अफसोस

Edited By ,Updated: 23 May, 2017 09:06 PM

sachin tendulkar

क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर ने आज अपना 21 साल पुराना दर्द बयां किया। अपने जीवन पर बनी फिल्म...

नई दिल्ली: क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर ने आज अपना 21 साल पुराना दर्द बयां किया। अपने जीवन पर बनी फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ के प्रचार में लगे मास्टर ब्लास्टर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे इस बात का अब भी अफसोस है कि मैं 1996 और 2003 में हुए विश्व कप के दोनों बार ट्रॉफी नहीं उठा पाया। जब भी आप किसी टूर्नामेंट में उतरते हैं खास तौर पर विश्वस्तर के तो आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप ट्रॉफी उठायें। कुछ ही बार आप ऐसा कर पाते हैं।’’ हालांकि, सचिन 1996 और 2003 में विश्व कप ट्रॉफी नहीं उठा पाए हालांकि उनका यह सपना 2011 में पूरा हो गया था।

2003 का फाइनल आज खेलते तो नतीजा और होता
मास्टर ब्लास्टर ने कहा, ‘‘वास्तव में कुछ टीमों ने दो या उससे ज्यादा बार ऐसा किया हैं वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया ने यह करिश्मा किया। भारत ने भी 2011 में दूसरी बार यह ट्रॉफी उठाई लेकिन मुझे लगता है कि यदि हमें 2003 का फाइनल आज खेलने दिए जाये तो खिलाडिय़ों का मैच के प्रति नतीजा ही कुछ अलग होगा। हम सभी उस मैच में पहले ही ओवर से उत्साहित थे। वह एक बड़ा क्षण था। यदि उन खिलाडिय़ों को एक और मौका दिया तो उनका मैच के प्रति अंदाज ही अलग होगा क्योंकि टी 20 के आगमन से खेल के प्रति नजरिया बिल्कुल बदल चुका है।’’ 

टी-20 के आने से बदली सोच 
सचिन ने कहा कि उस समय 358 का स्कोर एवरेस्टनुमा दिखायी देता था। आज भी यह वैसा ही स्कोर होगा लेकिन 2003 के मुकाबले अब यह उतना मुश्किल नहीं लगेगा। अब 434 का भी पीछा किया जाता है। हमने भी कई बार तीन विकेट पर 325 रन बना रखे हैं। यह सब इस कारण हैं कि फॉर्मेट बदला है, नियम भी कुछ बदले हैं और परिस्थितियां भी बदली है। क्रिकेट के सबसे बड़े बल्लेबाज ने कहा कि मुझे लगता है कि  टी 20 के आने से सोच भी बदल गयी है। अब खिलाड़ी बड़े लक्ष्य के सामने घबराते नहीं है इसलिए मैं कह रहा हूं कि अब हमारा दृष्टिकोण अलग होता।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!