Edited By ,Updated: 15 Oct, 2019 12:14 AM
कुछ वर्षों से हमारे देश में विभिन्न राजनीतिक दलों के छोटे-बड़े नेताओं द्वारा कटुतापूर्ण तथा ऊल-जलूल बयान देने का एक सिलसिला-सा चल पड़ा है जो चुनावों के मौसम में तो और भी बढ़ जाता है। निम्र में दर्ज हैं पिछले मात्र 8 दिनों में हमारे नेताओं के दिए हुए...
कुछ वर्षों से हमारे देश में विभिन्न राजनीतिक दलों के छोटे-बड़े नेताओं द्वारा कटुतापूर्ण तथा ऊल-जलूल बयान देने का एक सिलसिला-सा चल पड़ा है जो चुनावों के मौसम में तो और भी बढ़ जाता है। निम्र में दर्ज हैं पिछले मात्र 8 दिनों में हमारे नेताओं के दिए हुए ऐसे ही बयानों के चंद नमूने :
06 अक्तूबर को ट्वीट करते हुए हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनावों से ठीक पहले राहुल गांधी के बैंकाक जाने को लेकर भाजपा ने कहा, ‘‘अब ‘आलू से सोना’ और ‘औरंगाबाद मेड मोबाइल’ की बात कौन करेगा!’’ 08 अक्तूबर को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मध्य प्रदेश में पैंशन घोटाले की जांच को लेकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए बोले, ‘‘जो उखाडऩा है उखाड़ लें।’’ 10 अक्तूबर को हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने कांग्रेस को ‘बच्चा खाऊ पार्टी’ करार देते हुए कहा, ‘‘यहां कई युवा नेताओं की तो भू्रण हत्या ही कर दी जाती है जबकि कई युवा नेता जब अपने पैरों पर खड़े होते हैं तो पार्टी में बैठे मगरमच्छ उन्हें खा जाते हैं।’’ 10 अक्तूबर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव बोले, ‘‘उत्तर प्रदेश में रामराज नहीं बल्कि नाथू राम राज है।’’
10 अक्तूबर को कैथल से कांग्रेस के विधायक रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने भाजपा को ‘भगौड़े जोड़ पार्टी’ करार दिया और कहा, ‘‘गृह मंत्री अमित शाह को समझ लेना चाहिए कि शकुनि की तरह उनकी विभाजनकारी चालें यहां कामयाब नहीं होंगी। यह महाभारत की धरती है और यहां कौरवों की शक्ति को, जिसका प्रतिनिधित्व भाजपा कर रही है, पांडवों के रूप में हरियाणा के लोग समाप्त कर देंगे।’’ 12 अक्तूबर को भोपाल में कांग्रेस विधायक व राज्य सरकार में वरिष्ठï मंत्री डा. गोविंद सिंह बोले, ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बचपन से ही झूठ बोलने और षड्यंत्र फैलाने की शिक्षा दी जाती है। इसका नाम तो ‘राष्ट्रीय षड्यंत्रकारी संगठन’ होना चाहिए।’’
13 अक्तूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टïर ने खरखौदा की एक रैली में भाषण करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की तुलना मरी हुई चूहिया से करते हुए कहा, ‘‘...3 महीने वे लोग नए अध्यक्ष की तलाश में देशभर में घूमते रहे। 3 महीने के बाद कौन अध्यक्ष बना? सोनिया गांधी। खोदा पहाड़, निकली चूहिया, वह भी मरी हुई।’’ इसके जवाब में 14 अक्तूबर को महाराष्टï्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन राऊत ने मनोहर लाल खट्टïर को ‘खच्चर’ बता डाला और बोले, ‘‘हरियाणा के सी.एम. ‘खट्टïर’ नहीं बल्कि ‘खच्चर’ हैं। उनको अगर इस प्रकार का बयान देना है तो मोदी जी के बारे में देना चाहिए क्योंकि ‘खोदा पहाड़ निकला चूहा’ तो मोदी जी के लिए परफैक्ट बैठता है।’’
उपरोक्त बयानों के अलावा भी हमारे मान्य जनप्रतिनिधियों ने और न जाने कितने बयान देकर समाज में कटुता के बीज बोने का सिलसिला जारी रखा हुआ है जो कदापि उचित नहीं है।—विजय कुमार