चंद न्यायाधीश दोषियों को दे रहे अनोखी शिक्षाप्रद सजाएं

Edited By ,Updated: 08 Mar, 2023 04:17 AM

some judges are giving unique instructive punishments to the culprits

आमतौर पर अदालतें विभिन्न अपराधों में दोषी पाए जाने वाले लोगों को कैद या जुर्माना जैसे दंड देती हैं परंतु कुछ न्यायाधीश दोषियों को बेहतर इंसान बनाने के लिए शिक्षाप्रद व प्रेरक सजाएं दे रहे हैं।

आमतौर पर अदालतें विभिन्न अपराधों में दोषी पाए जाने वाले लोगों को कैद या जुर्माना जैसे दंड देती हैं परंतु कुछ न्यायाधीश दोषियों को बेहतर इंसान बनाने के लिए शिक्षाप्रद व प्रेरक सजाएं दे रहे हैं। ऐसी ही सजाओं के चंद उदाहरण निम्र हैं : 

  • 12 मई, 2022 को जबलपुर (मध्य प्रदेश) के एस.डी.एम. आशीष पांडे की अदालत ने बाप-बेटे के झगड़े में बेटे को कानूनी कार्रवाई के साथ ही इस तरह नसीहत दी कि बेटे को अपनी गलती का एहसास हो गया। 
  • श्री आशीष पांडे के आदेश पर अदालत परिसर में ही आरोपी ने अपने पिता के पैर धोकर माफी मांगी और साथ ही दोबारा ऐसी गलती नहीं करने का वायदा करके उन्हें सम्मानपूर्वक घर लेकर गया। 
  • 26 मई, 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने हापुड़ में सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे के दोषी को जमानत देने के लिए उसे एक सप्ताह तक सार्वजनिक स्थानों पर राहगीरों को ठंडा पानी और शरबत पिलाने का आदेश दिया।
  • 3 जून, 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोवध कानून के अंतर्गत गिरफ्तार किए गए सलीम उर्फ कालिया को सशर्त जमानत देने से पहले उसे किसी पंजीकृत गौशाला में एक लाख रुपए जमा कराने तथा एक महीने तक किसी गौशला मेें गायों की सेवा करने का निर्देश दिया।
  • 3 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में एक व्यक्ति के विरुद्ध झूठा मुकद्दमा दर्ज करवाने वाली एक महिला को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह ने 2 महीने के लिए प्रतिदिन 3 घंटे के लिए दिव्यांग बच्चों के स्कूल में जा कर सेवा करने और दिल्ली के बागवानी विभाग द्वारा बताए हुए स्थान पर 50 पौधे लगाने का आदेश दिया। 
  • 2 अक्तूबर, 2022 को जस्टिस जसमीत सिंह ने ही रंगदारी के मामले में शिकायतकत्र्ता से समझौते के बाद आरोपी महिला के विरुद्ध दर्ज मुकद्दमा इस शर्त पर रद्द किया कि वह एक बालिका विद्यालय में छठी से बारहवीं कक्षा तक की छात्राओं को 2 महीनों तक सैनिटरी पैड मुफ्त बांटेगी। 
  • 3 अक्तूबर, 2022 को चेन्नई में सड़क पर बाइक से स्टंट दिखाने वाले ‘कोटला इलैक्स बिनाया’ नामक युवक को स्थानीय अदालत ने सजा के तौर पर 3 महीने तक ट्रैफिक लाइट सिग्नलों पर रोड सेफ्टी पैम्फलेट बांटने तथा सोशल मीडिया पर सड़क सुरक्षा अभियान चलाने का आदेश दिया।
  • 9 जनवरी, 2023 को भोपाल की एक अदालत ने बार-बार चारपहिया वाहन पर खड़े होकर स्टंट करने वाले ‘जुबैर मौलाना’ नामक युवक को अनोखी सजा देते हुए उसके एक वर्ष के लिए किसी भी प्रकार के दोपहिया और चारपहिया वाहन चलाने और उनमें बैठने तक पर रोक लगा दी। इसके अलावा एक वर्ष तक उसे कहीं भी आने-जाने के लिए केवल आटोरिक्शा या बस का ही इस्तेमाल करना होगा।
  • 21 फरवरी, 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट के जज जसमीत सिंह ने सुअर पालने को लेकर हुई लड़ाई के 10 आरोपियों के बीच समझौता हो जाने के बाद उन पर दर्ज एफ.आई.आर. खारिज करते हुए उनमें से प्रत्येक को चार सप्ताह के भीतर अपने-अपने आवासों के निकट 10-10 पेड़ लगाने और 10 वर्ष तक उनकी देखभाल करने का आदेश दिया। 
  • 2 मार्च, 2023 को महाराष्ट्र में मालेगांव की अदालत में मैजिस्ट्रेट तेजवंत संधू ने रोड रेज तथा एक वाहन चालक से मारपीट करने वाले रऊफ उमर नामक दोषी को अनोखी सजा सुनाते हुए मस्जिद के अंदर 2 पेड़ लगाकर उनकी लगातार देखभाल करने और 21 दिनों तक नियमित रूप से पांचों समय नमाज पढऩे की सजा सुनाई।

देखने में हल्की-फुल्की प्रतीत होने वाली ये सजाएं जहां आरोपियों के मन में पश्चाताप की भावना का संचार करने वाली हैं, वहीं उन्हें अच्छे कार्यों के लिए प्रेरणा देने वाली भी हैं। अत: छोटे-मोटे कम गंभीर प्रकृति के अपराधों में दोषियों को इस प्रकार की शिक्षाप्रद सजाएं देकर उन्हें सुधारने की कोशिश करने का यह एक अच्छा तरीका है। -विजय कुमार 

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