मजबूरी में लम्बे घंटों तक काम कर रहे चीनी कर्मचारी

Edited By ,Updated: 04 Jun, 2023 06:17 AM

chinese workers working long hours under compulsion

मौके का फायदा उठाने से चीन न बाहर चूका न घर में, फिर चाहे इसके लिए उसे अपने लोगों का खून ही क्यों न चूसना पड़े। हाल ही में ‘चाइना नैशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के निजी उद्यमों में मजदूरों और कर्मचारियों के सप्ताह के औसत...

मौके का फायदा उठाने से चीन न बाहर चूका न घर में, फिर चाहे इसके लिए उसे अपने लोगों का खून ही क्यों न चूसना पड़े। हाल ही में ‘चाइना नैशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के निजी उद्यमों में मजदूरों और कर्मचारियों के सप्ताह के औसत काम करने के घंटे धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। यह साफ अंतर वर्ष 2020 से लेकर 2022 के बीच पहले 8 महीनों के साप्ताहिक काम के घंटे 45.1, 47.1 और 47.3 क्रमश: होते थे। लेकिन अब यही घंटे मार्च 2023 में  48.7 घंटे और अप्रैल में 48.8 घंटे तक बढ़ा दिए गए। कर्मचारियों के काम करने के घंटों में पिछले 20 वर्षों में यह सबसे ज्यादा बढ़ौतरी है। 

काम करने के क्रूर तरीकों की बात करें तो चीन में हर व्यक्ति की अपनी व्यथा है। दक्षिणी चीन के शनछन शहर में एक प्रचार कम्पनी में काम करने वाली कर्मचारी ने बताया कि वह एक-तिहाई वर्ष ओवरटाइम काम करती है, जिसके उसे अलग से पैसे नहीं मिलते। उसके साप्ताहिक काम के घंटे असल में 50 घंटों से ज्यादा होते हैं। अक्सर काम करते-करते उसे आधी रात से ज्यादा का वक्त हो जाता है, जिसके लिए उसे यात्रा और खाने का खर्च दिया जाता है। वहीं चीन के सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले सोशल मीडिया वैबसाइट सीना वेईबो पर 48.8 साप्ताहिक घंटे काम करने वाली बात सबसे ज्यादा चर्चा में है। 

इस पर कई लोग कटाक्ष मारते हुए कहते हैं कि हम लोग युद्धबंदियों से भी बुरी हालत में जी रहे हैं। वहीं अन्य लोगों का कहना था कि आंकड़ों में दिखाए गए काम के घंटों से कहीं ज्यादा काम असल में लिया जा रहा है। कुछ ने कहा कि पूरे चीन की सारी कम्पनियों में आधे से ज्यादा कर्मचारी इस समयावधि से कहीं ज्यादा घंटे काम कर रहे हैं। जैसा समय इस समय चीन में चल रहा है, वह दिन दूर नहीं, जब इन कर्मचारियों से यह भी बोला जाएगा कि यूरिनेट करने के लिए जाने के समय में भी कटौती करो। ऐसा करने  से कुछ लोगों के यूरिन में खून आने की शिकायत सामने आने लगेगी, कुछ लोगों को ड्रिप लगाकर काम करना पड़ेगा, कई लोगों की प्रजनन शक्ति कमजोर होगी। यहां तक कि इससे लिवर कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियां भी आम हो जाएंगी। 

हाल ही में फिंगतुओतुओ ऑनलाइन मार्कीटिंग कम्पनी में एक आदमी बहुत ज्यादा काम करने के कारण मर गया था, जिसके बाद उस कम्पनी के ऑफिशियल अकाऊंट पर बहुत ही क्रूर संदेश लिखा गया था कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कितने लोग काम के बदले अपना जीवन दान दे सकते हैं? लगता नहीं कि यह पैसे की समस्या है, बल्कि पूरे समाज की समस्या बन चुकी है। यह वह समय है, जब लोग अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बात पर जब सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर अपना गुस्सा निकालना शुरू किया तब फिंगतुओतुओ वैबसाइट ने कमैंट तुरंत अपना हटा लिया। 

इस क्रूर घटना से समझा जा सकता है कि चीनी समाज इस समय कितने कठिन दौर से गुजर रहा है, जहां इंसानी जान की कीमत अब कुछ भी नहीं रह गई। चीन की अर्थव्यवस्था दिनों-दिन खराब होती जा रही है और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। इस समय चीनी लोग बहुत ज्यादा तनाव में जी रहे हैं, हालात ने उन्हें इतना मजबूर बना दिया है कि इस समय वे 007 यानी 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन मिलने वाले काम को करने के लिए भी तैयार हैं।

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