Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Mar, 2021 06:21 PM
केंद्र सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का निजीकरण करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए बैंक कर्मियों ने 15 और 16 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलॉइज के प्रदेश महामंत्री के.के.सिंह ने शुक्रवार को यहां...
लखनऊः केंद्र सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का निजीकरण करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए बैंक कर्मियों ने 15 और 16 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलॉइज के प्रदेश महामंत्री के.के.सिंह ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार बैंकों का निजीकरण कर पूॅजीपतियों के हाथों में सौंपने का प्रयास कर रही है, लेकिन बैंककर्मियों के विरोध के चलते वह सफल नहीं हो पाई है।
अटल पेंशन योजना, नोटबंदी, मनरेगा, आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, बीमा आदि योजनाएं केवल राष्ट्रीयकृत बैंकों के बैंककर्मियों की दक्षता की वजह से सफल हो पाई है। केंद्र सरकार के कुत्सित प्रयासों के कारण हम 15 एवं 16 मार्च को देशव्यापी हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं। आल इंडिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन (ऑयबाक) के महामंत्री दिलीप चौहान ने कहा कि वित्तमंत्री ने बजट भाषण में देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के नाम पर आईडीबीआई बैंक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों को निजी क्षेत्र में बेच देने की बात कहकर सरकार का इरादा बता दिया है मगर बैंककर्मी सरकार को मनमानी नहीं करने देंगे।
फोरम के प्रदेश संयोजक वाई.के. अरोडा ने कहा, ‘‘सरकार बैंकों का निजीकरण करके पूॅजीपतियों के निजी स्वार्थ पूरा करना चाहती है। बैंककर्मी किसी भी कीमत पर सरकार की यह मन्शा पूरी नहीं होने देगी। मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि सरकार की इन नीतियों के विरोध में बैंककर्मी 4 फरवरी से धरना, प्रदर्शन, पोस्टर कैम्पेन, मास्क धारण, टिवटर कैम्पेन तथा रैली आदि के माध्यम से विरोधात्मक कार्यक्रम कर रहे हैं। अब देशव्यापी बैंक हड़ताल में 15 मार्च को स्टेट बैंक, प्रधान कार्यालय के सामने तथा 16 मार्च को इंडियन बैंक (पूर्व इलाहाबाद बैंक), हजरतगंज में दिन 11.30 बजे से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों का विशाल प्रदर्शन तथा सभा का आयोजन किया गया है।