Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jul, 2019 10:41 AM
उपभोक्ता फोरम के आदेश की नाफरमानी लखनऊ के डी.एम. को भारी पड़ गई। हजरतगंज स्थित एक कम्पनी से उपभोक्ता के पैसों की रिकवरी न कराने के मामले में फोरम ने डी.एम. का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। अदालत ने ट्रेजरी अफसर
लखनऊः उपभोक्ता फोरम के आदेश की नाफरमानी लखनऊ के डी.एम. को भारी पड़ गई। हजरतगंज स्थित एक कम्पनी से उपभोक्ता के पैसों की रिकवरी न कराने के मामले में फोरम ने डी.एम. का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। अदालत ने ट्रेजरी अफसर को निर्देश दिया है कि डी.एम. का वेतन रोकें और इससे मुख्य सचिव को भी अवगत करवाया जाए।
क्या है मामला
ठाकुरगंज स्थित कंघी टोला निवासी डा. मोहम्मद मन्नान ने वर्ष 2010 में हजरतगंज के अशोक टावर स्थित इनोवेट क्योर कम्पनी से हेयर विग खरीदी थी। विग की कीमत 9800 रुपए थी। कुछ दिन बाद डा. मन्नान ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की कि विग बेचने वाली कम्पनी ने जो दावे किए थे प्रोडक्ट उसके अनुरूप नहीं है। गुणवत्ता भी घटिया है। मामले की सुनवाई के बाद सदस्य फोरम प्रथम राजर्षि शुक्ला ने आदेश जारी किया कि विग बेचने वाली कम्पनी के प्रबंधक उपभोक्ता को उसकी मूल रकम वापस करें, साथ ही 2001 से 6 प्रतिशत की दर से ब्याज भी अदा करें। इस हिसाब से कम्पनी के प्रबंधक को उपभोक्ता को 15916 रुपए अदा करने थे। आदेश के बावजूद कम्पनी के प्रबंधक ने रकम नहीं लौटाई तो फोरम ने डी.एम. कौशलराज शर्मा को निर्देश दिया कि कम्पनी के प्रबंधक की संपत्ति को नीलाम कर उपभोक्ता को रकम दिलवाएं।
यह कहा फोरम ने
फोरम ने आदेश का संज्ञान न लेने पर डी.एम. को 2 बार नोटिस भी जारी किया। 5 अप्रैल को जारी नोटिस में फोरम ने कहा कि डी.एम. 17 जुलाई तक हर हाल में कम्पनी के प्रबंधक से उपभोक्ता को उसकी रकम वापस दिलवाएं। इसके बावजूद डी.एम. ने फोरम के आदेश का संज्ञान नहीं लिया। फोरम ने आदेश जारी कर डी.एम. का वेतन रोकने के साथ ही उन्हें अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है। इसके साथ ही फोरम ने आदेशों का पालन करने के लिए प्रदेश के कोषाध्यक्ष और मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है।