Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 06:54 PM
अमरीकी वीजा पाने की प्रक्रिया और कठिन हो सकती है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने दुनियाभर में अपने वाणिज्यिक दूतावासों के अधिकारियों को उन लोगों की पहचान करने करने का निर्देश दिया है
वॉशिंगटनः अमरीकी वीजा पाने की प्रक्रिया और कठिन हो सकती है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने दुनियाभर में अपने वाणिज्यिक दूतावासों के अधिकारियों को उन लोगों की पहचान करने करने का निर्देश दिया है जिनकी सघन जांच की जाने की जरूरत है। विदेश सचिव रेक्स टिलर्सन की ओर से भेजे गए 4 केबलों की एक श्रृंखला में दुनियाभर के अमरीकी मिशनों को कानून लागू करने वाले और खुफिया अधिकारियों के समूह निर्माण का निर्देश मिला है ताकि जिन समूहों की विशेष जांच की जरूरत है, उनकी पहचान के लिए मानदंडों की एक सूची तैयार की जा सके। इन मापदंडों में एक वैसे लोगों पर लागू हो सकता है जो इस्लामिक स्टेट नियंत्रित इलाकों में रहे या वहां की यात्रा की।
इस तरह के ढीलेढाले पैमान से वैसे हजारों-लाखों भारतीय भी प्रभावित हो सकते हैं जिन्होंने आर्थिक अथवा व्यावसायिक वजहों से इराक, लीबिया और सीरिया जैसे देशों में काम किया है या अभी भी कर रहे हैं जहां कुछ इलाकों पर आईएसआईएस का कब्जा माना जाता है। अमरीकी मिशनों को मिले केबलों में एक में कहा गया है कि ऐसे आवेदकों की गहन जांच होनी चाहिए जिसमें उनकी यात्रा का इतिहास, उनके पते और 15 सालों का कामकाज का इतिहास एवं पिछले 5 सालों में उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी फोन नंबर, ईमेल ऐड्रेस एवं सोशल मीडिया हैंडल की जांच शामिल है।
गौरतलब है कि अमरीका हर साल एक करोड़ से ज्यादा गैर-आव्रजन वीजा जारी करता है जिनमें 10 से ज्यादा वीजा उन भारतीयों को मिलता है जो पर्यटन, व्यवसाय या शिक्षा प्राप्त करने के लिए अमेरिका जाना चाहते हैं।