Edited By Supreet Kaur,Updated: 13 Sep, 2018 08:39 AM
आईसीआईसीआई बैंक की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बुधवर को यहां चंदा कोचर प्रकरण छाया रहा। इस दौरान शेयरधारक जून से अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चल रही बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर पर लगे आरोपों पर स्पष्टीकरण तथा उनके खिलाफ...
बिजनेस डेस्कः आईसीआईसीआई बैंक की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बुधवर को यहां चंदा कोचर प्रकरण छाया रहा। इस दौरान शेयरधारक जून से अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चल रही बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर पर लगे आरोपों पर स्पष्टीकरण तथा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे।
24वें एजीएम के मौके पर बोलने वाले कुछ शेयरधारकों ने बैंक के कंपनी संचालन और मानक पर सवाल खड़े किए जबकि कुछ शेयरधारक कोचर का पक्ष लेते हुए ये कहते पाए गए कि यह महज समय की बात है जो गुजर जाएगा। कई शेयरधारकों ने वेणुगोपाल धूत की कंपनी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को ऋण दिये जाने के मुख्य मुद्दे पर भी विरोध में आवाजें उठाई। वीडियोकॉन फिलहाल दिवाला शोधन प्रक्रिया से गुजर रही है। कई शेयरधारकों ने कोचर की तरफ से की गई किसी भी गलती पर बैंक द्वारा कठोर कार्रवाई की मांग की जबकि कुछ शेयरधारकों ने कोचर का शुरुआत में समर्थन करने को लेकर निदेशक मंडल पर सवाल उठाते हुए शीर्ष नेतृत्व की पुनर्संरचना करन की मांग की।
नवनियुक्त मुख्य परिचालन अधिकारी संदीप बख्शी ने सवाल उठा रहे शेयरधारकों का जवाब देते हुए कहा कि बैंक सारे आवश्यक कदम उठा रहा है और पहली तिमाही में परिणाम भी अच्छे रहे हैं। उन्होंने श्रीकृष्ण समिति की लंबित रिपोर्ट का हवाला देकर कोचर के बारे में निर्णय लेने की अक्षमता जताते हुए कहा, ‘‘बैंक काम करने में सक्षम है और इससे बाहर आ जाएगा।’’ कुछ शेयरधारकों ने बढ़े कानूनी खर्च पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब लाभांश भुगतान कम हुआ है। एजीएम में प्रबंधन द्वारा पेश सभी 14 सामान्य प्रस्ताव तथा चार विशेष प्रस्ताव मंजूर किए गए।