मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम हुआ कम, तेल के दाम में भी बनी रहेगी नरमी

Edited By Isha,Updated: 10 Nov, 2018 11:27 AM

inflation will be less risky oil prices will remain low

एक रिपोर्ट में दावा किया है वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी जारी रहने की उम्मीद है और इससे मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम कम होगा। एसबीआई इकोफ्लैश की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेंट क्रूड का भाव 70 डालर बैरल से नीचे गया है। कच्चे तेल का भाव...

नई दिल्लीः एक रिपोर्ट में दावा किया है वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी जारी रहने की उम्मीद है और इससे मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम कम होगा। एसबीआई इकोफ्लैश की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेंट क्रूड का भाव 70 डालर बैरल से नीचे गया है। कच्चे तेल का भाव फरवरी 2018 में 63 डालर बैरल से बढ़कर अक्टूबर 2018 में 86 डालर बैरल पर पहुंच गया। अब इसमें गिरावट आ रही है। पिछले एक महीने में कच्चे तेल का भाव करीब 16 डालर बैरल कम हुआ है। इसका एक कारण कुछ देशों को ईरान से तेल आयात की छूट है। यह कमी तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सदस्य देशों के आपूर्ति में कमी को पूरा करने के लिये कदम उठाने के संकेत के बीच आया है।

रिपोर्ट के मुताबिक कि हमारा मनना है कि तेल के दाम में नरमी जारी रह सकती है। वैश्विक वृद्धि के साथ-साथ तेल कीमतों के हमारे विश्लेषण से यह पता चलता है कि 2012 से पहली छमाही में दूसरी छमाही के मुकाबले तेल के दाम हमेशा ऊंचा रहता है या उसके बराबर रहता है।  तेल के दाम में नरमी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2019 तक करीब 4 प्रतिशत पर पहुंचने से पहले अगले दो महीनों तक 3.5 प्रतिशत के नरम स्तर पर रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर के लिओ हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति 3.5 से 3.6 प्रतिशत के बीच रहेगी। इसके अलावा, नवंबर में यह 3 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। खाद्य वस्तुओं के दाम में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में गिरावट जारी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का असर काफी कम है। 

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