Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Nov, 2018 01:58 PM
जेट एयरवेज को वित्त वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में 12.61 अरब रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। इसके बाद कंपनी ने अपने नेटवर्क में बदलाव की योजना बनाई है। कंपनी को सितंबर, 2017 तिमाही में 71 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
नई दिल्लीः जेट एयरवेज को वित्त वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में 12.61 अरब रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। इसके बाद कंपनी ने अपने नेटवर्क में बदलाव की योजना बनाई है। कंपनी को सितंबर, 2017 तिमाही में 71 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। जेट का कुल राजस्व सालाना आधार पर 6.9 फीसदी बढ़कर 63.63 अरब रुपए रहा। कंपनी को ज्यादातर आमदनी अंतरराष्ट्रीय मार्गों और साझेदार विमानन कंपनियों से मिलने वाले यात्रियों से हुई है। इस विमानन कंपनी के राजस्व में 'परिवर्तनशील किराये का अनुमानित रिफंड' 1.11 अरब रुपए रहा, जिनसे आंकड़ों को सुधरने में मदद मिली है।
कंपनी ने कमजोर वित्तीय नतीजों के बाद कहा कि वह अपने नेटवर्क, उत्पाद एवं सेवाओं की व्यापक समीक्षा कर रही है क्योंकि ईंधन की ऊंची कीमतों और कम किराए से उसके परिचालन पर असर पड़ रहा है। यह अपने 'वित्तीय साझेदारों' के साथ भी बातचीत कर रही है।
सूत्रों ने संकेत दिया कि विमानन कंपनी के पश्चिम एशिया समेत कोलकाता और दक्षिण भारत से अपनी उड़ानों की संख्या कम करने और मुंबई एवं दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ाने की संभावना है। जेट के प्रबंधन ने कहा कि ईंधन की कीमतों में 50 फीसदी बढ़ोतरी, रुपए में गिरावट और टिकट कीमतों के चुनौतीपूर्ण माहौल से उसका प्रदर्शन कमजोर पड़ा है। कंपनी का कुल खर्च 26.7 फीसदी बढ़कर 76.97 अरब रुपए पर पहुंच गया। जेट को यह लगातार 10 अरब रुपए से अधिक का तीसरा घाटा है, जिससे विमानन कंपनी में पूंजी डालना बहुत अहम हो गया है।