Edited By Supreet Kaur,Updated: 25 Jun, 2018 04:53 PM
सेबी की ओर से नियमों का दुरुपयोग रोकने के लिए नियम सख्त बनाने के बीच भारतीय पूंजी बाजार में पी-नोट्स के जरिए निवेश मई अंत तक गिरकर 9 वर्ष से अधिक के न्यूनतम स्तर पर आ गया। मई अंत तक पी-नोट्स के माध्यम से निवेश गिरकर 93,000 करोड़ रुपए रह गया।
नई दिल्लीः सेबी की ओर से नियमों का दुरुपयोग रोकने के लिए नियम सख्त बनाने के बीच भारतीय पूंजी बाजार में पी-नोट्स के जरिए निवेश मई अंत तक गिरकर 9 वर्ष से अधिक के न्यूनतम स्तर पर आ गया। मई अंत तक पी-नोट्स के माध्यम से निवेश गिरकर 93,000 करोड़ रुपए रह गया।
बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बाजार में- इक्विटी, ऋणपत्र और डेरिवेटिव्स में पी-नोट्स निवेश गिरकर मई अंत तक 93,497 करोड़ रुपए रह गया। अप्रैल अंत में यह 1,00,245 करोड़ रुपए था जबकि मार्च में 1,06,403 करोड़ रुपए था। अप्रैल 2009 के बाद का यह सबसे न्यूनतम स्तर है। अप्रैल 2009 में पी- नोट्स के माध्यम से 72,314 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था।
पी-नोट्स निवेश जून 2017 के बाद से लगातार गिर रहा है और सितंबर में यह गिरकर आठ वर्ष से अधिक के निचले स्तर पर चला गया था। हालांकि, अक्तूबर में इसमें बढ़ोत्तरी हुई लेकिन नवंबर में फिर गिरावट देखी गई और यह रुख मई 2018 तक जारी है। उल्लेखनीय है पी-नोट्स यानी पार्टसिपेटरी नोट्स, भारत में पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा वैश्विक निवेशकों के लिए जारी किया जाता है जो खुद भारत में पंजीकृत हुए बिना ही भारतीय प्रतिभूति बाजार में निवेश करना चाहते हैं।