Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Oct, 2018 09:01 AM
रुपए की विनिमय दर में लगातार गिरावट के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल का मानना है कि अन्य उभरती बाजार की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में रुपए की स्थिति बेहतर है। कल डॉलर के मुकाबले रुपया कारोबार के दौरान टूटकर पहली बार 74 रुपए प्रति...
नई दिल्लीः रुपए की विनिमय दर में लगातार गिरावट के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल का मानना है कि अन्य उभरती बाजार की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में रुपए की स्थिति बेहतर है। कल डॉलर के मुकाबले रुपया कारोबार के दौरान टूटकर पहली बार 74 रुपए प्रति डॉलर के निचले स्तर पर आ गया। इसके साथ ही गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने रुपए के लिए कोई लक्ष्य नहीं रखा है। रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने के बाद रुपया कारोबार के दौरान टूटकर 74.13 रुपए प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। हालांकि, शुरूआती कारोबार में रुपया 73.52 प्रति डॉलर पर मजबूत खुला था। गौरतलब है कि इस साल जनवरी से रुपया 17 फीसदी टूट चुका है। गवर्नर ने यह भी कहा कि सितम्बर के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार 400.5 अरब डॉलर पर था, जो दस माह के आयात के वित्तपोषण के लिए पर्याप्त है।
राजकोषीय घाटा बढ़ने से होगा विपरीत असर
आर.बी.आई. ने कहा कि केंद्र तथा राज्यों को राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम रहना चाहिए क्योंकि इसमें किसी प्रकार के चूक से मुद्रास्फीति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ेगा। चालू वित्त वर्ष की अपनी चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में आर.बी.आई. ने वैश्विक व्यापार तनाव तथा तेल के बढ़ते दाम के प्रभाव को बेअसर करने के लिए घरेलू वृहत आर्थिक बुनियादी में सुधार का मजबूती से हवाला दिया।
सरकार की पहल से IL & FS की स्थिति स्थिर होगी
रिजर्व बैंक ने आई.एल. एंड एफ.एस. में सरकार के हस्तक्षेप का स्वागत किया। उसने सरकार के इस कदम को ‘समय से की गई कार्रवाई’ करार दिया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि सरकार के इस कदम से आई.एल. एंड एफ.एस. की ‘स्थिति और हालत स्थिर करने में मदद’ मिलेगी। बैंक की ओर से नए प्रबंधन को पूरी सहायता दी जाएगी। गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों के नियामक के तौर पर आर.बी.आई. इस तरह की स्थिति से बचने के लिए दिशा-निर्देशों को और कड़ा बनाने पर विचार कर रहा है, ताकि किसी गैर-बैंकिंग कंपनी की देनदारी और कर्ज के बीच किसी तरह के हेर-फेर की स्थिति से बचा जा सके। द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति पर निर्णय के बाद पत्रकारों के साथ पारंपरिक परिचर्चा में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा, ‘‘आई.एल. एंड एफ.एस. के मामले में सरकार ने बहुत सोच- समझ कर सांस्थानिक कदम उठाया है।’’