Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Nov, 2020 05:21 PM
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने अगले बजट में नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत नियोक्ताओं के 14 फीसदी के योगदान को सभी श्रेणियों के अंशधारकों के लिए टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखने का फैसला किया है।
नई दिल्ली: पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने अगले बजट में नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत नियोक्ताओं के 14 फीसदी के योगदान को सभी श्रेणियों के अंशधारकों के लिए टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखने का फैसला किया है। पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने यह जानकारी दी।
NPS के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन में नियोक्ताओं के 14 फीसदी के योगदान को एक अप्रैल, 2019 से टैक्स फ्री किया गया है। बंद्योपाध्याय ने कहा, 'हम संभवत: नियोक्ताओं के 14 फीसदी के योगदान को सभी के लिए करमुक्त करने का प्रस्ताव करने जा रहे हैं। अभी यह सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलता है।'
राज्य सरकारों ने इस बारे में पीएफआरडीए को पत्र लिखा
पीएफआरडीए के चेयरमैन ने कहा, ऐसे में हम सरकार से आग्रह करेंगे कि इसे सभी कर्मचारियों को दिया जाए। चाहे राज्य सरकार का कर्मचारी हो या किसी कॉरपोरेट इकाई का कर्मचारी। सभी क्षेत्रों के अंशधारकों को इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य मांग कर रहे हैं कि 14 फीसदी का टैक्स लाभ राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई राज्य सरकारों ने इस बारे में पीएफआरडीए को पत्र लिखा है। इसके अलावा पीएफआरडीए सरकार से टियर-II एनपीएस खाते को टैक्स फ्री करने का लाभ सभी अंशधारकों को देने का आग्रह करेगा।
बंद्योपाध्याय ने कहा, 'टियर-दो एनपीएस खातों को हाल में विशिष्ट रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री किया गया है। ऐसे में इसमें भी हम सरकार को सभी अंशधारकों को लाभ देने का आग्रह करेंगे। टैक्स फ्री टियर-दो खाते में लॉक-इन की अवधि तीन साल की होती है, क्योंकि इसे टैक्स फ्री का दर्जा मिला है। हम चाहते हैं कि इसका विस्तार अन्य सभी कर्मचारियों तक किया जाए।
एनपीएस के तहत टियर-दो खाता अनिवार्य खाता नहीं है। टियर-एक के साथ किसी का टियर-दो खाता भी हो सकता है। बंद्योपाध्याय ने कहा कि इसका लाभ यह है कि टियर-दो खाते को तत्काल वापस लिया जा सकता है। वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने 2020-21 के बजट के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है। यह बजट ऐसे समय आएगा जबकि सरकार के समक्ष कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने की चुनौती है।