Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Mar, 2019 04:27 PM
पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल था जिसका असर भारत और पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्तों पर पड़ा। सड़क मार्ग से होने वाली कई जरूरी वस्तुओं की सप्लाई में कमी आई है।
नई दिल्लीः पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल था जिसका असर भारत और पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्तों पर पड़ा। सड़क मार्ग से होने वाली कई जरूरी वस्तुओं की सप्लाई में कमी आई है। दोनों देशों के बीच तनाव के चलते कारोबार ठप हो गया था और ट्रकों की आवाजाही भी रुक गई थी।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव घटते ही बीते एक महीने से बंद पड़ी टमाटर की सप्लाई फिर शुरू हो गई है, हालांकि आम रूट अब भी बंद होने से ट्रेडर्स को यह महंगा पड़ रहा है। अभी सिर्फ श्रीनगर-मुजफ्फराबाद मार्ग से ही माल जा रहा है, जिसका ढुलाई खर्च अटारी रूट के मुकाबले दो से चार गुना तक बढ़ गया है।
इस रास्ते से भेजा जा रहा सामान
पाकिस्तान को टमाटर सप्लाई के सबसे बड़े केंद्र आजादपुर में टमाटर व्यापार संघ के प्रेजिडेंट ने बताया, ‘तनाव घटने के साथ सप्लाई शुरू हुई है, लेकिन ट्रेड के लिहाज से इसे नॉर्मल नहीं कहा जा सकता। अभी सिर्फ श्रीनगर-मुजफ्फराबाद मार्ग से ही रोजाना 15 से 20 ट्रक माल जा रहा है जबकि आम दिनों में पाकिस्तान को रोजाना 75 से 100 ट्रक सप्लाई होती है।’ उन्होंने बताया कि अटारी रूट से दिल्ली से पाकिस्तान की मंडियों तक माल पहुंचाने का आम खर्च 25,000 रुपए प्रति ट्रक होता है, जो श्रीनगर मार्ग से 50,000 से लेकर 1 लाख रुपए तक पहुंच गया है। कश्मीर में एंट्री पर अतिरिक्त चार्जेज हैं लेकिन कई पॉइंट्स पर अनधिकृत वसूली से यह खर्च और बढ़ जाता है।
ट्रेडर्स ने अब अटारी-वाघा मार्ग से सप्लाई शुरू करने के लिए सरकार को संपर्क शुरू कर दिया है और इसके लिए किसानों के हितों का हवाला दिया जा रहा है। 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में शुरू हुई तल्खी और व्यापारिक संबंध खराब होने से टमाटर व्यापारियों ने खुद ही सप्लाई रोक दी थी लेकिन उनके लिए अपने सप्लायर्स और ग्रोअर्स को जवाब देना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि कई ग्रोअर्स के साथ उनके पहले से कॉन्ट्रैक्ट होते हैं। टमाटर के अलावा लहसुन और कई अन्य सब्जियां भी यहां से पाकिस्तान जाती हैं और उधर से कुछ फलों की आवक होती है।