Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 May, 2019 01:46 PM
अमेरीका और चीन में टैरिफ को लेकर छिड़ी जंग के बीच अब टैक्नोलॉजी को लेकर दोनों आर्थिक ताकतों के बीच युद्ध शुरू हो गया है। ट्रंप प्रशासन के निशाने पर अब चीन की सी.सी.टी.वी. कैमरे बनाने वाली दिग्गज कंपनी हांग्जो
वाशिंगटनः अमेरीका और चीन में टैरिफ को लेकर छिड़ी जंग के बीच अब टैक्नोलॉजी को लेकर दोनों आर्थिक ताकतों के बीच युद्ध शुरू हो गया है। ट्रंप प्रशासन के निशाने पर अब चीन की सी.सी.टी.वी. कैमरे बनाने वाली दिग्गज कंपनी हांग्जो हिकविज़न डिजीटल कार्पोरशन सहित 5 टैक्नोलॉजी फर्में हैं, जिनकों ब्लैकलिस्ट करने पर विचार किया जा रहा है।
ब्लैकलिस्ट करने पर इनको अमरिकी टैक्नोलॉजी से वंचित रहना पड़ेगा, जिस कारण चीनी कंपनियों का कारोबार बहुत प्रभावित होने की उम्मीद है। हालही में अमेरिका चीन की हुवावे स्मार्टफोन कंपनी पर प्रतिबंध लगा चुका है, जिस को गूगल द्वारा अब जी-मेल, यू-ट्यूब और क्रोम तक नहीं मिलेगा।
गूगल ने कहा है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हुवावे को स्प्लाई बंद करने के आदेशों को मानेगा, जिस का मतलब है कि हुवावे के फोन में अब एंड्रायड नहीं मिलेगा। जानकारी के अनुसार, यूएस अब चीन की हिकविज़न कंपनी सहित 5 वीडियो निगरानी फर्मों पर पाबंधी लगाने पर विचार कर रहा है। ब्लैकलिस्ट में शामिल होने पर इन चाइनीज फर्मों को अमरीकी सॉप्टवेयर नहीं मिलेंगे। हिकविज़न को सी.सी.टी.वी. बाजार में बने रहने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी को चिंता है कि हिकविज़न या दूसरी चाइनीज फर्मों जिनको ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है उनका इस्तेमाल जासूसी के लिए भी हो सकता है।