ऑस्ट्रेलिया के आप्रवासन कानूनः भारतीय आप्रवासियों को इन धोखों और चुनौतियों का करना पड़ता है सामना

Updated: 22 May, 2024 11:25 AM

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अपने खूबसूरत भूदृश्यों और जीवंत शहरों के लिए प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलिया आप्र्रवासियों के लिए एक पसंदीदा देश है, जिनमें भारतीयों की तादाद भी अच्छी-खासी है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में बसने के अवसर देखने वाले सभी लोग इसके पीछे मौजूद पेचीदा आप्रवासन कानूनों के...

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल।  अपने खूबसूरत भूदृश्यों और जीवंत शहरों के लिए प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलिया आप्र्रवासियों के लिए एक पसंदीदा देश है, जिनमें भारतीयों की तादाद भी अच्छी-खासी है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में बसने के अवसर देखने वाले सभी लोग इसके पीछे मौजूद पेचीदा आप्रवासन कानूनों के जाल को देख नहीं पाते जिनके चलते वे शोषण और धोखाधड़ी के शिकार भी हो जाते हैं। बहुत से भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलिया में परमानेंट रेसिडेंसी पाने का सफर चुनौतियों से भरपूर हो सकता है, जिसके दौरान उन्हें अक्सर धोखेबाजों और वित्तीय संकट से जूझना पड़ता है।

 

बहुत से भारतीय ऑस्ट्रेलिया बतौर परमानेंट रेसिडेंस जा बसने की योजना बनाते हुए धोखों का शिकार क्यों हो जाते हैं - इसके पीछे वजह है ऑस्ट्रेलियाई आप्रवासन कानूनों और इस प्रक्रिया में शामिल पेचीदगियों का अभाव। बेईमान एजेंट और धोखेबाज एजेंसियां संभावित आप्रवासियों की अनभिज्ञता का नाजायज फायदा उठाते हैं, हद से ज्यादा फीस लेकर उन्हें तुरंत और आसानी से ऑस्ट्रेलिया में बसाने का वादा करते हैं। इन धोखों में अक्सर गारंटीशुदा वीज़ा या जॉब प्लेसमेंट के झूठे वादे शामिल होते हैं। ऑस्ट्रेलिया में बेहतर जिंदगी की उम्मीदें और सपने देखने वाले मासूमों का ये धोखेबाज लोग शोषण करते हैं।

 

इसके अलावा, ऑस्ट्रेलियाई आप्रवासन प्रणाली मुश्किल हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो इसकी जटिलताओं से नावाकिफ हैं। इतनी सारी दस्तावेजी जरूरतें, कड़े पात्रता मानदंड और प्रोसैसिंग में लगने वाला लम्बा वक्त धोखेबाजों के लिए मौका पैदा कर देते हैं कि वे मासूम आवेदकों का शोषण कर सकें। बिना समुचित मार्गदर्शन व सहयोग के कई भारतीय आप्रवासी धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, नतीजतन वे अपना बहुत सा पैसा गंवा बैठते हैं और निर्वासन का जोखिम मंडराने लगता है।

 

जो भारतीय विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए आते हैं उनके लिए चुनौतियां और भी बदतर हैं, वे आप्रवासन धोखेबाजों के लिए कमजोर शिकार बन सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया का स्टूडेंट वीजा प्रोग्राम अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को देश में उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करता है, किंतु इसमें अक्सर काम के घंटों को लेकर प्रतिबंध होते हैं जिनके चलते विद्यार्थियों के लिए आजीविका कमाना और स्वयं को वित्तीय सम्बल देना कठिन हो जाता है। इन प्रतिबंधों के कारण कई भारतीय विद्यार्थी बेईमान नियोक्ताओं द्वारा शोषण के शिकार होते हैं जो इन्हें गैर-कानूनी तरीके से रोजगार के मौके देते हैं या भारी फीस के बदले वीजा प्रतिबंध से बच निकालने का वादा करते हैं।

 

जब किसी विद्यार्थी का वीजा उसे ऑस्ट्रेलिया में पैसे कमाने के सीमित विकल्प देता है तो वह वित्तीय सहारे के लिए अन्य मौके तलाशने को मजबूर हो जाता है, जिसमें अनाधिकृत कार्य या संदिग्ध स्त्रोतों से मदद लेना भी शामिल होते हैं। उनकी यह मजबूरी उन्हें धोखेबाजों का आसान शिकार बना देती है जो उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हैं, ये धोखेबाज इन विद्यार्थियों को नौकरी के लुभावने अवसरों का वादा करते हैं या पैसा कमाने के गैर कानूनी तरीकों में उन्हें लगा देते हैं। परिणामस्वरूप, कई भारतीय विद्यार्थी खुद को शोषणकारी व्यवस्था में फंसा हुआ पाते हैं, अगर वो पकड़े जाते हैं तो उनका वीजा रद्द हो जाता है और उन्हें वापस भेज दिया जाता है।

 

इन कठिनाईयों की वजह से यह आवश्यक है कि भारतीय आप्रवासी खुद को जानकारी से सशक्त बनाएं और सहायता के लिए प्रतिष्ठित स्त्रोतों की खोज करें जो ऑस्ट्रेलिया के आप्रवासन कानूनों के संबंध में उनका मार्गदर्शन कर सकें। इसमें शामिल है अच्छी तरह अनुसंधान करना, पंजीकृत आप्रवासन एजेंटों या कानूनी पेशेवरों से सलाह करना और उन पेशकशों से सचेत रहना जो हकीकत से परे लगें। स्वयं को जरूरी जानकारी एवं संसाधनों से सशक्त कर के भारतीय आप्रवासी खुद को धोखाधड़ी से बेहतर ढंग से बचा सकते हैं और जब वे जानकार बनने के बाद फैसले करेंगे तो ऑस्ट्रेलिया में उनकी परमानेंट रेसिडेंसी की यात्रा भी सुखद होगी।

 

ऑस्ट्रेलियाई प्राधिकरण आप्रवासन धोखाधड़ी से मुकाबले के लिए सक्रियता से उपाय कर रहे हैं ताकि मासूम लोगों को शोषण से सुरक्षा दी जा सके। इसमें शामिल हैं आप्रवासन एजेंटों व एजेंसियों के नियमन को मजबूत बनाना, आप्रवासी समुदायों के लिए जागरुकता अभियान तथा धोखे के शिकार लोगों को सहयोग सेवाएं मुहैया कराना। इन मुद्दों के समाधान हेतु मिलकर काम करने के लिए ऑस्ट्रेलिया आप्रवासियों के लिए एक स्वागतकारी एवं समावेशी देश के तौर पर अपनी प्रतिष्ठा को कायम रखे हुए है, यह देश उन सभी लोगों के अधिकारों एवं कल्याण की सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है जो इसे अपना घर कहते हैं।

 

यह लेख श्री बुरज़िन नानावटी द्वारा लिखा गया है जो एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं और जिन्होंने 20 साल पहले ऑस्ट्रेलिया आने के दौरान ऐसी ही चुनौतियों का सामना किया था। अपने निजी अनुभव से उन्होंने अनैतिक तरीकों के नुकसानदेह प्रभावों -वित्तीय व मानसिक दोनों- के बारे में सीखा जिससे लोग गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं। प्रवासन के वैध तरीकों को चुन कर उन्होंने खुद को कामयाबी के साथ ऑस्ट्रेलिया में स्थापित कर लिया है। आज उनका मिशन है उन भारतीयों और गैर-भारतीयों को शिक्षित करना जो ऑस्ट्रेलिया को अपना नया घर बनाना चाहते हैं। श्री नानावटी यह सुनिश्चित करते हैं कि ये आकांक्षी लोग इस प्रक्रिया से सुगमता से गुजर सकें और इसके लाभ उठा सकें। उनके अनुसार ऑस्ट्रेलिया में भारत व अन्य देशों के लोगों का स्वागत किया जाता है, बशर्ते कि वे सही प्रक्रिया का पालन करें। अधिक जानकारी के लिए आप info@fbpintl.com पर श्री बुरज़िन नानावटी से सम्पर्क कर सकते हैं।

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