सुखना में बढ़ा पानी का स्तर, फिर बढ़ाया बोटिंग एरिया का दायरा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Aug, 2017 07:39 AM

boating area extended in drying lake

सुखना लेक का वाटर लैवल 1155.8 फीट तक पहुंच चुका है जो पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक है।

चंडीगढ़(विजय) : सुखना लेक का वाटर लैवल 1155.8 फीट तक पहुंच चुका है जो पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक है। जिस वजह से प्रशासन ने एक बार फिर सुखना लेक में क्रूज को उतार दिया है। जानकारी के अनुसार लेक के बोटिंग एरिया में इस समय पांच फीट तक पानी है, जिसकी वजह से सिटको ने क्रूज को फिर लेक में उतारने का फैसला लिया है। इसके साथ ही लेक में बोटिंग एरिया का दायरा फिर से बढ़ा दिया गया है। जुलाई तक लेक में पानी कम होने की वजह से बोटिंग एरिया का दायरा कम कर दिया गया था। जिससे कि बोट्स उन एरिया में न जा सकें जहां पानी का लैवल बिल्कुल कम हो चुका है। 

 

हालांकि अभी भी बोटिंग एरिया में कम से कम 8 फीट पानी की ओर जरूरत है। जिससे कि अगले साल बोटिंग एरिया कम करने की नौबत न आए। मई में जब सुखना लेक का वाटर लैवल केवल दो से अढ़ाई फीट तक रह गया था तो सिटको ने क्रूज को रोकने का फैसला लिया था इसके साथ ही बोटिंग एरिया भी कम कर दिया था। मगर अब स्थिति सुधरने के बाद पयर्टक फिर से कू्रज में पार्टी का लुत्फ उठा पाएंगे। इसके साथ ही बोटिंग एरिया भी नॉर्मल कर दिया गया है। 

 

फिर सुखना सूखने का खतरा :
वाटर लैवल बढऩे के बावजूद अगले साल लेक के फिर सूखने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल, इस साल चंडीगढ़ प्रशासन लेक से न तो वीड हटाने का काम पूरा कर पाया और न ही गाद निकालने का काम शुरू हो पाया। जिसका इसर अब अगले साल सुखना लेक में दिखने को मिलेगा। 

 

जानकारों की मानें तो सुखना लेक के वाटर लैवल का हल तब तक नहीं निकल सकता जब तक यहां से गाद हटाई नहीं जाती। गाद निकालने के बाद लेक की गहराई को बढ़ाया जा सकता है, जिससे कि यहां अधिक से अधिक पानी को स्टोर किया जा सके। इस साल प्रशासन के पास मौका था कि लेक के एक हिस्से से गाद को पूरी तरह से निकाला जा सकता था। लेकिन गाद निकालने का काम सही समय पर शुरू नहीं किया जा सका, जिसकी वजह से अगले साल भी गाद की समस्या बनी रहेगी। 

 

यही नहीं, लेक के रैगुलेट्री एंड में वीड भी वाटर लैवल बढऩे के बाद अब पूरी तरह से नहीं निकाली जा सकती है। साफ है कि अगर अगले साल भी सुखना के सूखने की स्थिति बनी तो जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

 

लोटस हटाने के दावे भी फेल :
लेक में लोटस हटाने के लिए प्रशासन की ओर से कई दावे किए गए थे। लेकिन हकीकत यह है कि रैगुलेट्री एंड में वीड के साथ लोटस ने भी काफी एरिया घेर लिया है। आलम यह है कि लेक के एक चौथाई हिस्से में कोई बोट नहीं जा सकती। क्योंकि वीड और लोटस की वजह से यहां बोट फंसने का खतरा हमेशा बना रहेगा। हालांकि प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि लोटस हटाने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन अब फिर से लेक में पानी का स्तर बढऩे से लोटस निकालने का काम भी रुक गया है।

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