ब्रिटिश स्कूल पर 10 हजार रुपए हर्जाना

Edited By Priyanka rana,Updated: 08 Aug, 2019 10:58 AM

british school

एडमिशन के बाद स्कूल की वर्किंग से संतुष्ट न होते हुए शिकायतकर्ता ने अपनी बेटी का नाम वापस ले लिया और राशि रिफंड करने की मांग की

चंडीगढ़(राजिंद्र) : एडमिशन के बाद स्कूल की वर्किंग से संतुष्ट न होते हुए शिकायतकर्ता ने अपनी बेटी का नाम वापस ले लिया और राशि रिफंड करने की मांग की, लेकिन स्कूल ने राशि रिफंड नहीं की, जिसके चलते उपभोक्ता फोरम ने उसे सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। 

फोरम ने ब्रिटिश स्कूल को निर्देश दिए हैं कि वह शिकायतकर्ता को एक हजार रुपए रजिस्ट्रेशन चार्जेस काटकर 77 हजार 300 रुपए की राशि लौटाए। इसके साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ और मुकदमा खर्च के रुप में भी शिकायतकर्ता को 10 हजार रुपए मुआवजा अदा करने के निर्देश दिए हैं। आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिन के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो स्कूल को 10 हजार रुपए अतिरिक्त मुआवजा भी देना होगा।

विज्ञापन देखकर बहकावे में आ गया :
सैक्टर-44ए निवासी राहुल पठानिया और ओजस्वी पठानिया ने फोरम में द ब्रिटिश स्कूल, सैक्टर-44बी के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि ब्राइट फ्यूचर ऑफ स्टूडैंट्स के विज्ञापन देखकर स्कूल के बहकावे में आकर उन्होंने अपनी बेटी ओजस्वी पठानिया का उक्त स्कूल की नौंवी क्लास में एडमिशन करवा दिया। 

इसके लिए 77 हजार 300 रुपए की पेमैंट की। दाखिले के दो दिन बाद उन्हें पता लग गया कि स्कूल की गलत तस्वीर उनके सामने पेश की गई। उन्होंने कहा कि नौंवी में काफी सीटें खाली थी, जहां 30 से 35 छात्रों की क्षमता के बजाए सिर्फ 17-18 छात्र ही थे। 

शिकायतकर्ता ने बताया कि स्कूल में प्रॉपर 100 प्रतिशत इंग्लिश इंट्रैक्शन भी नहीं थी। इसमें अलग-अलग सैक्शन से छात्र इकट्ठे कर दिए जाते थे। इस बारे में कई बार विचार करने के बाद आखिरकर उन्होंने बेटी का नाम वापस ले लिया। 

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