हाईकोर्ट की फटकार के बाद मुख्य सचिव ने आदेश वापस लिए

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 13 Jul, 2022 09:15 PM

co operative bank employee was dismissed without listening to the side

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव की ओर से एक सहकारी बैंक कर्मी को उसका पक्ष सुने बगैर बर्खास्त करने के आदेश को सरकार ने वापस ले लिया है। इस संबंध में सरकार की ओर से मामले की सुनवाई के वक्त कोर्ट को बताया गया कि मुख्य...

चंडीगढ़,(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव की ओर से एक सहकारी बैंक कर्मी को उसका पक्ष सुने बगैर बर्खास्त करने के आदेश को सरकार ने वापस ले लिया है। इस संबंध में सरकार की ओर से मामले की सुनवाई के वक्त कोर्ट को बताया गया कि मुख्य सचिव से गलती हुई थी, जिसके चलते सरकार ने कर्मी को बर्खास्त किए जाने के आदेश वापस ले लिए हैं और अब उक्त कर्मी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अफसरों की लापरवाही के चलते अदालतों में गैर-जरूरी केसों का बोझ पड़ा हुआ है और पैंडैंसी बढ़ रही है। कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि अदालतों में इस तरह के केस न पहुंचें, इसके लिए क्या किया जाए, कोर्ट को बताया जाए कि सरकारों की लिटिगेशन पॉलिसी क्या है? 

 


हरियाणा के फिरोजपुर झिरका निवासी हिम्मत खान ने याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट को बताया कि वह हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक में क्लर्क के तौर पर कार्यरत था। दिसम्बर 2010 में बैंक के पूर्व प्रबंधकों द्वारा किए गए घोटाले में याची के शामिल होने की बात करते हुए याची की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया था। इस मामले में नूंह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने याची को बरी करते हुए कहा था कि उसकी उक्त मामले में भूमिका साबित नहीं होती। न्यायालय का फैसला आने के बावजूद याची की सेवाएं बहाल नहीं की गईं। हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि आरोपी को अपना पख रखे बिना कैसे दोषी माना जा सकता है? कोर्ट के सख्त रवैए पर इस मामले में चीफ सैक्रेटरी को कोर्ट में पेश होकर माफी तक मांगनी पड़ी थी। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!