Edited By ,Updated: 21 Jul, 2016 09:43 AM
प्रशासन ने लॉन्ग रूट की बसों में ऑटोमैटिक व्हीकल लोकेशन सिस्टम (ए.वी.एल.एस.) लगाने का फैसला लिया है। यह फैसला खासकर पैसेंजर की सुरक्षा के लिए लिया गया है। इन बसों की लोकेशन मोबाइल फोन के जरिए भी हासिल की जा सकेगी।
चंडीगढ़, (विजय गौड़) : प्रशासन ने लॉन्ग रूट की बसों में ऑटोमैटिक व्हीकल लोकेशन सिस्टम (ए.वी.एल.एस.) लगाने का फैसला लिया है। यह फैसला खासकर पैसेंजर की सुरक्षा के लिए लिया गया है। इन बसों की लोकेशन मोबाइल फोन के जरिए भी हासिल की जा सकेगी।
यानि मोबाइल के जरिए भी बसों पर पूरा ट्रैक रखा जाएगा कि वे इस समय कहां है। चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) द्वारा इस पायलेट प्रोजैक्ट की शुरूआत 135 लॉन्ग रूट की बसों से की जाएगी। इसके बाद जितनी भी बसें नई खरीदी जाएंगी उनमें भी यह सिस्टम लगा होगा।
सी.टी.यू. द्वारा इस नए सिस्टम को ड्राइवर्स फ्रैंडली बनाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ए.वी.एल.एस. को इसलिए भी शुरू किया जा रहा है ताकि इसकी जानकारी मिलती रहे कि बस ने कितना सफर तय किया है। इससे सी.टी.यू. को डीजल पर खर्च होने वाली राशि को भी कंट्रोल होगा।
प्रोजैक्ट के फीचर्स
बोर्ड में जी.पी.एस. डिवाइस लगेंगे।
जी.पी.आर.एस. के जरिए बस का पूरा डाटा फीड होता रहेगा।
डाटा सैंटर तैयार किया जाएगा।
इंफॉर्मेशन के लिए एम.आई.एस. डिवैल्प होगा।
आई.एस.बी.टी. और अन्य लोकेशन में भी पी.आई.एस. बोर्ड लगेंगे।
मोबाइल एप्लिकेशन और वेब बेस्ड पोर्टल तैयार होंगे।
दूसरे प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से इंफॉर्मेशन शेयर होगी।
कंपनी पर जुर्माना भी होगा
सी.टी.यू. अपने इस पायलेट प्रोजैक्ट को सफल बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोडऩा चाहता। यही वजह है कि भविष्य में प्रोजैक्ट की फंक्शङ्क्षनग सुचारू रूप से कायम रहे इसके लिए कांट्रैक्ट हासिल करने वाली कंपनी पर जुर्माने का भी प्रावधान है। अगर एक दिन भी यह सर्विस ठप्प रही तो कांट्रैक्टर पर 10 हजार रुपए तक का फाइन लग सकता है।
पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम भी लगेंगे
सी.टी.यू. ने अपनी लॉन्ग रूट की बसों को हाईटैक बनाने के लिए इनमें पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम (पी.आई.एस.) भी लगाने की तैयारी कर ली है। इस सिस्टम के तहत बसों में पूरे रूट की जानकारी होगी।
इसके साथ ही आने वाले बस स्टैंड के साथ-साथ यह जानकारी भी होगी कि कौन से रूट पर कितनी बसें किस समय चलेंगी। टाइमिंग के साथ-साथ पैसेंजर्स की सुविधा के लिए सभी रूट नंबर भी लिखे होंगे।
इस तरह काम करेगा ए.वी.एल.एस.
यह डिवाइस जी.पी.एस. टैक्नोलॉजी से कंट्रोल होगा। जिसे मोबाइल फोन से कनैक्ट किया जा सकेगा। इसमें सड़कों की मैपिंग भी होगी। व्हीकल की लोकेशन की जानकारी को तुरंत हासिल किया जा सकेगा। बस कितनी स्पीड में चल रही है इसकी जानकारी भी मिलेगी। जिससे कस्टमर्स को भी बस की टाइमिंग के बारे में सटीक इंफॉर्मेशन मिलेगी।