Edited By ashwani,Updated: 21 Oct, 2020 01:21 AM
वर्चुअल बैठक का विरोध जताते हुए भाजपा पार्षद ही मेयर के खिलाफ हुए बागी, भाजपा से सिर्फ एक व कांग्रेस के 3 पार्षद हुए शामिल
चंडीगढ़ (रॉय) : निगम के इतिहास में पहला ऐसी बार हुआ है कि पार्षदों का कोरम पूरा न होने पर सदन की बैठक को स्थगित कर दिया गया। कोरम भी पूरा सत्ता पक्ष भाजपा पार्षदों की वजह से पूरा नहीं हो सका, जिन्होंने सदन की वर्चुअल बैठक का बॉयकाट कर दिया। कुल 26 पार्षदों में से 20 भाजपा के हैं, जिनमें मेयर के अलावा सिर्फ एक पार्षद मीटिंग में ऑनलाइन हुआ।
भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद की अगुवाई में पार्षद अपनी मेयर के खिलाफ बागी हो गए। पूरे सियासी ड्रामे के नजारे के बीच वर्चुअल सदन की बैठक में भाजपा के अधिकतर पार्षद नदारद रहे। दोपहर दो बजे शुरू हुई बैठक को महज 20 मिनट में कोरम पूरा न होने पर स्थगित किए जाने का ऐलान निगम अधिकारियों ने कर दिया।
14 एजैंडों पर की जानी थी चर्चा
बैठक में 14 एजैंडे पर चर्चा की जानी थी। इनमें गारबेज कलैक्शन चार्ज बढ़ाने से लेकर पब्लिक टॉयलेट की मैंटेनैंस-ऑपरेशन से जुड़े एजैंडे शामिल थे। वैसे विशेषज्ञों की मानें तो बैठक अगर आगे होती है तो उसमें कोरम पूरा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्चुअल बैठक के लिए कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र सिंह बबला, रविंदर कौर गुजराल, सतीश कैंथ के अलावा अकाली दल से हरदीप सिंह और बीजेपी से एकमात्र पार्षद मेयर के करीबी महेश इंदर सिंह सिद्धू ही ऑनलाइन हुए।
भाजपा पार्षदों की गुटबाजी आई सामने
बीजेपी पार्षदों व मेयर के बीच फिजीकल बनाम वर्चुअल बैठक को लेकर आपसी मतभेद व गुटबाजी नजर आई। पूरे घटनाक्रम में बीजेपी के साथ उनकी मेयर, सांसद का प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस को निशाने साधने का मौका मिल गया। अकाली दल को भी उंगुली उठाने का मौका मिल गया। इतना ही नहीं सदन से बाहर बैठक के प्रस्तावित एजैंडों की समीक्षा कर सवाल उठाने वाली आम आदमी पार्टी को भी बल मिल गया।
मनोनीत पार्षद भी कर गए किनारा
वहीं नगर निगम के मनोनीत पार्षद भी इस वर्चुअल बैठक से किनारा कर गए। पूरे विवाद की शुरूआत तो पिछले महीने से ही शुरू हो गई थी। पार्षद मेयर से फिजीकल सदन की बैठक बुलाने की मांग कर रहे थे, लेकिन कोरोना से पीडि़त रह चुकी मेयर इसके लिए तैयार नहीं थी। जिस कारण भाजपा के अपने पार्षदों ने ही अंदरूनी रणनीति बनाकर वर्चुअल सदन की बैठक में शामिल न होने का निर्णय लिया।
मेयर अपने फैसले पर अड़ी रही
पिछले सप्ताह भाजपा कार्यालय में जब अध्यक्ष अरुण सूद ने पार्षदों से बैठक की थी तो उस समय भी अधिकतर पार्षदों ने कहा था कि इस माह सदन की बैठक फिजीकल होनी चाहिए। जिस पर भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने पार्षदों की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करके मेयर को इस संबंध में मिलने को कहा था, लेकिन मेयर ने दो टूक इन सदस्यों को भी भी कहा कि सदन की बैठक कोरोना के कारण फिजीकल नहीं होगी।
पानी के रेट रिवाइज करने के प्रस्ताव से अधिकारियों ने किया मना
भाजपा के पार्षद पानी के रेट रिवाइज करने का भी प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने फिर से यह प्रस्ताव लाने के लिए भी मना कर दिया था। पूरे घटनाक्रम में निगम के संवैधानिक पद पर बैठे सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर भी बगावत का हिस्सा बन गए। बैठक के आयोजन से पहले कांग्रेस ने निगम के बाहर प्रदर्शन कर बीजेपी, मेयर और सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जबकि मेयर ऑफिस के बाहर तो पांच कांग्रेसी पार्षद धरने पर बैठ गए, यहां तक जब ऑनलाइन बैठक शुरू हुई और इंतजार के बाद जब सत्ता पक्ष से अधिकतर पार्षद ऑनलाइन नहीं हुए तब कांग्रेस पार्षद मेयर, बीजेपी पर अपने शब्द बाणों से हमला करते रहे, जबकि अकाली दल पार्षद ने भी भी सवाल उठाए।
भाजपा की मिलीभगत है : बबला
सदन की बैठक स्थगित करने का एक्ट का हवाला देकर जब निगम कमिश्नर के.के. यादव और एडिशनल कमिश्नर अनिल गर्ग ने ऐलान किया तब नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि हम शहवासियों को क्या जवाब देेंगे। उन्होंने कहा कि यह अब तक की सबसे फेलियर मेयर हैं। यह मेयर की अपने पार्षदों के साथ मिलीभगत-योजना है। ऐसा कभी होता है कि सभी पार्षद बैठक में हिस्सा लेने न आएं। जबकि पार्षद रविंदर कौर गुजराल ने कहा कि हम तो अपना सारा काम छोडक़र बैठक में हिस्सा लेने के लिए बैठे हुए हैं। जबकि बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद इस बैठक से विपक्षी पार्षद की भूमिका निभाने के लिए आए अकाली पार्षद हरदीप सिंह ने कहा कि शहर के विकास पर चर्चा होनी चाहिए, जिन पर हमें बोलना है।
पार्षदों को सोचना चाहिए कि क्या शहर के विकास पर बातचीत की जाए या नहीं
निगम कमिश्नर के.के. यादव ने कहा कि बैठक में जो कोई भी निर्णय लिए जाते हैं। एक्ट के अनुसार लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी कोई पार्षद बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे। उन्हें यह खुद सोचना चाहिए कि शहर के विकास के मुद्दों पर चर्चा की जाए कि नहीं?
भाजपा ने बुलाई आपातकाल बैठक
बैठक स्थागित होने के बाद भाजपा ने पूरे घटनाक्रम पर मंथन को लेकर शाम को आपातकालीन बैठक बुलाई। वर्चुअल बैठक से किनारा करने वाले पार्षद यहां पहुंचे। हालांकि इसमें 3-4 पार्षद हिस्सा नहीं ले सके। पूरे वाक्य से मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि बीजेपी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन निगम अधिकारियों के रवैये को लेकर सवाल तो उठाए गए ही साथ ही मेयर पर भी अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा गया।