Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jun, 2018 09:44 AM
पी.जी.आई. में रविवार को इस साल का 18वें ब्रेन डैड मरीज के ऑर्गन डोनेट हुए हैं।
चंडीगढ़(पाल) : पी.जी.आई. में रविवार को इस साल का 18वें ब्रेन डैड मरीज के ऑर्गन डोनेट हुए हैं। इसकी मदद से 3 परिवारों को उम्मीद जगी है। 19 साल का अरुण कुमार सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे पी.जी.आई. लाया गया लेकिन यहां डाक्टरों ने उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया था।
इसके बाद डॉक्टर्स ने उसके अभिभावकों से आग्रह किया कि वह बेटे के अंगदान कर दें, जिस पर परिवारवालों ने हामी भर दी। पिता घनश्याम ने बताया कि अरुण उनका सबसे बड़ा बेटा था। छोटी उम्र में ही एक फैक्टरी में नौकरी कर वह परिवार चलाने में मदद करता था। अंगदान का फैसला मुश्किल था लेकिन काफी सोचने के बाद यह फैसला लिया गया।
17 जून को हुआ था हादसा :
अंबाला का रहने वाला अरुण 17 जून को फैक्टरी जा रहा था तो उसे पीछे से तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में उसके सिर पर गंभीर चोट लगी थी। उसे नारायणगढ़ के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत नाजुक होने पर उसे पी.जी.आई. रैफर कर दिया। 17 जून की शाम को अरुण को पी.जी.आई. में एडमिट करवाया गया। हफ्ते तक जीवन और मौत से जूझने के बाद रविवार को डॉक्टर्स ने उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया।
पी.जी.आई. रोटो डिपार्टमैंट के नोडल ऑफिसर विपिन कौशल व उनकी टीम ने परिवार को अरुण के ऑर्गन डोनेट करने का आग्रह किया। इसक बाद परिवार ने बेटे की मौत को व्यर्थ न जाने देने का फैसला लिया और अंगदान के लिए तैयार हो गए। अरुण का लिवर, किडनी और पैनक्रियाज निकाले गए, जो पी.जी.आई. में तीन मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए।