हाईकोर्ट के आदेश -2018 में हरियाणा पुलिस में हुई भर्ती की दोबारा बनेगी मैरिट लिस्ट

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 16 May, 2023 09:03 PM

show cause notice will be sent to all before cancellation

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए हरियाणा में वर्ष 2018 में हुई करीब 5000 कांस्टेबलों, सब-इंस्पैक्टरों व आई.आर.बी. की भर्ती को लेकर बनी मैरिट लिस्ट के आधार पर की गई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि...

चंडीगढ़,(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए हरियाणा में वर्ष 2018 में हुई करीब 5000 कांस्टेबलों, सब-इंस्पैक्टरों व आई.आर.बी. की भर्ती को लेकर बनी मैरिट लिस्ट के आधार पर की गई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन उम्मीदवारों के सिर से पिता का साया उठ चुका है उन्हें भर्ती नियमों के तहत सामाजिक आधार पर अतिरिक्त 5 अंक दिए जाएं और नए सिरे ने दस्तावेजों की स्क्रूटनी करने के बाद नई मैरिट लिस्ट बनाई जाए। 

 

 


हाईकोर्ट के उक्त अंतरिम आदेशों के बाद नौकरी ज्वाइन कर चुके कई सब इंस्पैक्टरों व कांस्टेबलों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। भर्ती प्रक्रिया के तहत कई उम्मीदवारों को अनाथ होने पर मिलने वाले अतिरिक्त अंक नहीं दिए गए थे, जबकि कई उम्मीदवारों को गैर-कानूनी तरीके से अनाथ कैटेगिरी वाले अंक देकर नौकरी मिली थी और पात्र अनाथ उम्मीदवारों को मिलने वाले 5 अंक दिए ही नहीं गए। इन्हें उक्त लाभ से वंचित रखा गया। वह 1054 उम्मीदवार वर्ष 2019 में हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट के आदेशों पर उक्त भर्ती प्रक्रिया की जांच को एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट में पाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है, जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को उक्त आदेश जारी किए हैं। हालांकि अभी इस संबंधी आदेश अपलोड नहीं हुए हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील रविंद्र सिंह ढुल के अनुसार अब सभी चयनित उम्मीदवारों को भी कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। 

 

 


इन आदेशों से अनाथ श्रेणी के चयनित सभी अभ्यॢथयों की मैरिट सूची को संशोधित कर नवीन मैरिट सूची तैयार की जाएगी। इस श्रेणी के तहत जिन लोगों को गलत तरीके से अतिरिक्त अंक दिए गए थे, वे नौकरी से बाहर हो जाएंगे और जो याचिकाकर्ता पूरी तरह पात्र होने के बावजूद ऐसे अंकों से वंचित रह गए थे, उन्हें चयन सूची में जगह मिल सकती है।

 

 

 


हालांकि, इस मामले में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रविंद्र सिंह ढुल ने बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 16 अप्रैल-2018 के विज्ञापन संख्या 3/2018 के माध्यम से पुरुष कांस्टेबलों के लगभग 5000 पदों, 1147 महिला कांस्टेबलों, पुरुष उप-निरीक्षकों के 400 पदों और महिला उप-निरीक्षकों के 63 पदों का चयन किया गया था। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इन पदों पर अनाथ श्रेणी के तहत चयनित होने वालों की संख्या में फेरबदल होना तय है। इससे पहले हाईकोर्ट ने गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट में आयोग के संबंधित रिकॉर्ड में कुछ विसंगतियों पाई गई थी, जिस पर कोर्ट ने असंतोष व्यक्त करने के बाद आयोग पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

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