Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jun, 2024 02:02 PM

सनातन धर्म में हर महीने का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक माह किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून से हो रही
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Ashadh Month 2024: सनातन धर्म में हर महीने का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक माह किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून से हो रही है और इसका समापन 21 जुलाई को होगा। यह माह भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए बहुत ही खास माना जाता है। आषाढ़ के महीने पड़ने वाली देवशयनी एकादशी से श्री हरि 4 महीने के लिए योगनिद्रा में चल जाते हैं। इस दौरान सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों में रोक लग जाती है। तो आइए जानते हैं, इस माह में कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से नहीं।
What to do in the month of Ashadh आषाढ़ माह में क्या करें
अषाढ़ माह में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद तुलसी की पूजा करें और श्री हरि के मंत्रों का जाप करें।
श्री हरि के मंत्र-
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्।
आषाढ़ माह में सूर्यदेव को जल अर्पित करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
इस माह में भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
इस माह के दौरान अपनी क्षमता के अनुसार गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
अषाढ़ माह में अधिक गर्मी पड़ने के कारण अपनी श्रद्धा अनुसार लोगों में जल का दान करें। ऐसा करने में जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

What not to do in the month of Ashadh आषाढ़ माह में क्या न करें
अषाढ़ माह में तामनसिक भोजन जैसे- शराब, मांस और मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस माह में जल का अपमान करने से बचना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में जल का अपमान करना अशुभ बताया गया है।
अषाढ़ माह में अपने क्रोध, अहंकार, घमंड आदि जैसी चीजों से दूर रहें। साथ ही किसी को अपशब्द न बोलें और न ही किसी का अपमान करें।
इस माह में किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य की मनाही होती है।
स्वस्थ तन और मन चाहते हैं तो बासी खाना खाने से बचें।
