Edited By Lata,Updated: 12 Jul, 2019 11:38 AM
आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी तिथि है, जिसे हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
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आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी तिथि है, जिसे हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार एकादशी से समान बड़ी और पवित्र तिथि कोई नहीं है। कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाए तो दोगुना फल मिलता है। देवशयनी एकादशी पर हर व्यक्ति को व्रत करना चाहिए और इसके साथ-साथ आज हम बताएंगे राशि के अनुसार मंत्र जाप के बारे में, जिससे भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
मेष- इस समय विवादित सौदों पूंजी निवेश से बचना चाहिए।
उपाय- इसके लिए सरसों के तेल का दान गरीबों को दें।
मंत्र- ॐ अं वासुदेवाय नम:
वृष- पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
उपाय- ज्वार गरीब व गौशाला में दान दें।
मंत्र- ॐ आं संकर्षणाय नम:
मिथुन- कारोबार में लाभ और विवादों से पीछा छूटेगा।
उपाय- आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को डालें।
मंत्र- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
कर्क- सरकार से लाभ मिलेगा और विघ्न व परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
उपाय- भगवान शिव पर बेलपत्र अर्पित करें।
मंत्र- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
सिंह- किसी भी काम को करने के लिए इच्छा शक्ति कम रहेगी।
उपाय- मां भगवती के श्रीचरणों में गुलाब के 108 फूल अर्पित करें।
मंत्र- ॐ नारायणाय नम:
कन्या- कार्य परिवर्तन एवं कोर्ट-कचहरी के मामले हल होंगे।
उपाय- वट वृक्ष के पेड़ में जल अर्पित करें।
मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
तुला- आय के साधनों में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
उपाय- गरीब कन्याओं को दूध और दही का दान दें।
मंत्र- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
वृश्चिक- पिछली समस्याओं से पीछा छूटेगा और मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
उपाय- साबुत मसूर सफाई कर्मचारी को दान में दें।
मंत्र- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
धनु- कम प्रयत्न और लाभ अधिक होगा। आय के साधन बढ़ेंगे।
उपाय- अंधे व्यक्ति को भोजन कराना लाभकारी रहेगा। चने की दाल कुष्ठ रोगियों को दें।
मंत्र- ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
मकर- व्यर्थ के भ्रम, भ्रांति और भय से बाहर आना होगा। अहम और ईर्ष्या नुकसान देगी।
उपाय- बाजरा पक्षियों को डालें।
मंत्र- शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वंदे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
कुंभ- रुके हुए कार्य बनेंगे। राजनीतिक वर्चस्व बढ़ेगा। सामाजिक सुयश की प्राप्ति भी होगी।
उपाय- 800 ग्राम दूध अपने ऊपर से 8 बार उतार कर 800 ग्राम उड़द के साथ बहते पानी में प्रवाह कर दें।
मंत्र- त्वमेव माता, च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या च द्रविडम त्वमेव
त्वमेव सर्वम मम देव देव
मीन- व्यवसाय में सफलता, सामाजिक दायरों में वृद्धि का प्रबल योग।
उपाय- मिट्टी के पात्र में श्रद्धानुसार शहद भरकर मंदिर में रखकर आ जाएं या वीराने में दबा दें।
मंत्र- ॐ विष्णवे नम: का जाप करें।