Pitru Paksha: महिलाएं भी कर सकती हैं पिंडदान, जानें क्या कहते हैं शास्त्र

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Oct, 2023 07:42 AM

pitru paksha

हिंदू धर्म में श्राद्ध और पिंडदान के बिना पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। भाद्रपद माह की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Pitru Paksha: हिंदू धर्म में श्राद्ध और पिंडदान के बिना पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। भाद्रपद माह की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक पितृ पक्ष चलता है। मान्यताओं के अनुसार जिन व्यक्तियों का पिंडदान नहीं होता, उन्हें दूसरे लोक में बहुत ही ज्यादा परेशानियों और दुखों का सामना करना पड़ता है। इन दिनों के दौरान पिंडदान किया जाता है। ज्यादातर देखने में आता है कि पिंडदान पुरुषों द्वारा ही किया जाता है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं ? तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं महिलाएं श्राद्ध कर सकती हैं या नहीं-

PunjabKesari Pitru Paksha

In these circumstances women perform Shraddha and Pind Daan इन हालात में महिलाएं करती हैं श्राद्ध और पिंडदान
गरुड़ पुराण के अनुसार जिस घर में कोई पुत्र नहीं होता, उस स्थिति में कन्याएं और महिलाएं अपने पितरों का पिंडदान कर सकती हैं।

Fathers are also happy पितृ भी होते हैं प्रसन्न
मान्यता है कि कन्याओं के द्वारा किया गया पिंडदान पितृ स्वीकार कर लेते हैं और सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं। कन्या के अलावा बहु या पत्नी के द्वारा भी श्राद्ध और पिंडदान किया जा सकता है।

PunjabKesari Pitru Paksha

Mother Sita had performed Pind Daan of her father-in-law माता सीता ने किया था अपने ससुर का पिंडदान
वाल्मीकि रामायण के अनुसार मां सीता ने भी अपने ससुर का पिंडदान किया था। बात वनवास के समय की है जब श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता राजा दशरथ के पिंडदान के लिए गया धाम पहुंचे। श्राद्ध की सामग्री लेने के लिए प्रभु श्री राम और लक्ष्मण जी नगर की तरफ चले गए। तभी आकाशवाणी होने लगी कि पिंडदान का शुभ समय समाप्त होने वाला है। उसी समय राजा दशरथ ने मां सीता को दर्शन दिए और पिंडदान करने को कहा। राजा दशरथ की आज्ञा का पालन करते हुए माता सीता ने राजा दशरथ को पिंडदान किया।

PunjabKesari Pitru Paksha

Keep these things in mind इन बातों का रखें ध्यान
श्राद्ध और पिंडदान करते समय महिलाओं को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। श्राद्ध के दौरान सफेद या पीले रंग के ही कपड़े पहनें।

इसके अलावा इस बात का ख्याल रखें कि जल में कुश और काले तिल डालकर तर्पण न करें। ऐसा करने की मनाही है।

श्राद्ध तिथि याद न होने पर नवमी को वृद्ध स्त्री-पुरुषों का और पंचमी को संतान का श्राद्ध करें। 

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!