स्कूल न जाने से होता है छात्रों का नुकसान, नहीं सीख पाते अनुशासन

Edited By Updated: 12 Apr, 2018 03:26 PM

disadvantages of not going school students

वर्तमान समय में स्कूल जाना हर छात्र के लिए अनिवार्य माना गया है। किंतु आज के व्यस्त माहौल में विद्यार्थी सोचते हैं कि हमें प्रतिदिन आखिर स्कूल क्यों जाना पढ़ता है,

नई दिल्लीः वर्तमान समय में स्कूल जाना हर छात्र के लिए अनिवार्य माना गया है। किंतु आज के व्यस्त माहौल में विद्यार्थी सोचते हैं कि हमें प्रतिदिन आखिर स्कूल क्यों जाना पढ़ता है, क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम कभी-कभी ही स्कूल जाएं। इसका मुख्य कारण है कि विद्यार्थियों को रोज सुबह उठकर तैयार होना और स्कूल जाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता।

छात्रों के मन में यह ख्याल भी जरूर आता होगा, कि अब तो वीडियो लैक्चर, यूट्यूब वीडियो से सीखने के भी विकल्प हैं, तो फिर स्कूल जाना ही क्यों जरूरी है? स्टूडेंट्स के लिए अब ओपन स्कूलिंग के अवसर भी होते हैं, लेकिन फिर भी रैगुलर स्कूल को शिक्षा के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है। अच्छी शिक्षा के लिए विद्यार्थियों का स्कूल जाना बहुत आवश्यक है। इसके बावजूद भी अगर उन्हें स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता तो वे इन बातों पर जरूर ध्यान दे-


अध्ययन का लय बिगड़ जाता है
अगर बच्चा एक दिन भी स्कूल नहीं जाए तो वो क्लास में पढ़ाए गए विषयों को नहीं समझ पाएंगें। जिसके चलते उन्हें आगे पढ़ने में भी परेशानी होती है। जब एक ही दिन स्कूल न जाने से इतना फर्क पड़ता है तो सोचिए अगर ऐसे ही स्टूडेंट्स स्कूल जाना बंद कर दें तो उनका कितना नुक्सान होगा।

जिंदगी में अनुशासन की कमी आना
स्कूल लाइफ स्टूडेंट्स की लाइफ में एक अनुसाशन बनाकर रखती है। प्रतिदिन सुबह जल्दी उठने से दिन की अच्छी शुरुआत होती है। लेकिन अगर स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जाते हैं तो वो यह सभी अच्छी आदतें नहीं सीख पाते जो नियमित अनुशासन से आती है।

एक्स्ट्रा-करीकुलर रिकॉर्ड में कमी आना
छात्रों का प्रतिदिन स्कूल न जाने से न केवल पढ़ाई का ही नुक्सान होता बल्कि इसके साथ-साथ उनका स्कूल में अटन्डेंस रिकॉर्ड और टीचर्स के सामने भी उनका बुरा प्रभाव पड़ता है।

नई चीज़े सीखने का सुनहरा मौका गंवाना
स्कूल में छात्रों को पढ़ाई, एक्स्ट्रा-करीकुलर गतिविधियों के साथ-साथ कई तरह से सीखने के अवसर मिलते हैं जैसे कि राजकीय,राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स कम्पटीशन, स्किल्स ट्रेनिंग और ओलम्पियाड में भाग लेने के अवसर। किंतु अगर छात्र स्कूल ही नहीं जाएंगे तो उन्हें ऐसे अवसर नहीं मिल पाएंगे जहां उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले।


सोशल लाइफ नहीं बन पाती
स्कूल में स्टूडेंट्स एक-दूसरे के साथ इंटरैक्ट करते हैं तथा स्कूल की गतिविधियों में भाग लेते है। लेकिन यह सब गतिविधियां जिनसे स्टूडेंट्स कम्युनिकेशन स्किल्स, मैनेजमेंट स्किल्स, लीडरशिप स्किल्स जैसी महत्वपूर्ण बातें सीखते हैं सिर्फ स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित होने से ही हासिल कर सकते हैं।

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