Edited By pooja,Updated: 20 Nov, 2018 09:58 AM
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने देश में शिक्षण संस्थाओं की बढ़ती संख्या और गुणवत्ता में कमी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए समूची शिक्षा प्रणाली के लिए नई योजना
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने देश में शिक्षण संस्थाओं की बढ़ती संख्या और गुणवत्ता में कमी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए समूची शिक्षा प्रणाली के लिए नई योजना तैयार करने का आह्वान किया है और कहा है कि सभी छात्रों पर एक ही तरह का पाठ्यक्रम नहीं थोपा जाना चाहिए।
नायडू ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 95वें दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षण संस्थानों की बढ़ती संख्या के अनुरूप देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है। समूची शिक्षा प्रणाली के लिए नई योजना तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि ‘हर कुश्ती में एक ही दांव’ वाला दृष्टिकोण हमें कहीं नहीं ले जाएगा।
उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वतंत्र रूप से सोचने की जगह मिलनी चाहिये। हम विज्ञान में उत्कृष्ट छात्र और संगीत के प्रतिभावान छात्र पर एक ही पाठ्यक्रम नहीं थोप सकते। छात्र का केवल आधा समय कक्षा में बीतना चाहिए और शेष समय समुदाय, खेल के मैदान, प्रकृति और खुली हवा में बीतना चाहिये। उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा आप भाग्यशाली हैं कि आपने इस महान विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है, लेकिन उनके बारे में सोचिये जिन्हें लायक होने के बावजूद ऐसा अवसर नहीं मिल रहा है। शिक्षा और अंतिम मील तक खुले अवसरों का लाभ उठाना हम पर निर्भर करता है।