Edited By Sonia Goswami,Updated: 18 Jul, 2018 02:09 PM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आदित्य प्रसाद पांडे पर लगे प्रशासनिक लापरवाही और धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का पुनर्गठन किया है।
नई दिल्लीः मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आदित्य प्रसाद पांडे पर लगे प्रशासनिक लापरवाही और धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का पुनर्गठन किया है। मंत्रालय के एक आधिकारिक आदेश में बताया गया कि पांडे के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए केंद्र ने 12 जुलाई को एक तथ्यान्वेषी समिति गठित की।
समिति में यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे। हालांकि , आंदोलनकारियों ने समिति के साथ सहयोग करने से मना कर दिया और इस कदम को‘उनके लोकतांत्रिक आंदोलन को कमजोर’ करने की चाल करार दिया। मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने समिति के पुनर्गठन का स्वागत किया और छात्रों और शिक्षकों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की।
सिंह ने मणिपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ (एमयूएसयू), मणिपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एमयूटीए) और नागरिक समाज के संबंधित लोगों से सरकार की जांच में सहयोग करने और छात्रों के व्यापक हित में विश्वविद्यालय का कामकाज चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा , ‘‘ अब मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक समुदाय की मांगें पूरी हो गई हैं। मुख्य न्यायाधीश समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं। मैं उनसे आंदोलन वापस लेने की अपील करूंगा। ’’ समिति की अध्यक्षता मेघालय उच्च
न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी नंदकुमार सिंह , यूजीसी के संयुक्त सचिव जे के त्रिपाठी , मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव सूरत सिंह इसके सदस्य हैं। तथ्यान्वेषी समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।