मोदी सरकार का बड़ा फैसला ,स्थाई कर्मचारियों को होगा फायदा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 01:26 PM

modi government s big decision permanent employees will benefit

भारत में बढ़ती हुई बेरोजगारी मोदा सरकार के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। रोजगार को लेकर ...

नई दिल्ली : भारत में बढ़ती हुई बेरोजगारी मोदा सरकार के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। रोजगार को लेकर लगातर विपक्ष केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहा है। एेसे में सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए समाधान निकाला है। सरकार ने श्रम कानून में बड़ा बदलाव करते हुई कॉन्ट्रैक्ट जॉब को प्रमोट करना शुरू किया है। इससे पहले सरकार केवल जॉब सिक्योरिटी पर ध्यान देती है। सरकार के इस बदलाव के बाद अब नए नियम के तहत सरकार का अब ज्यादा ध्यान  जॉब क्रिएशन पर दिया जाएगा। कर्मचारियों को रखने को लेकर कंपनियों के ज्यादा अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं। सरकार को उम्मीद है कि ऐसा करने से बड़े स्तर पर रोजगार में वृद्धि होगी। साथ ही 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' के मामले में भारत की स्थिति और बेहतर होगी।

रोजगार अधिनियम 1946 में किया बदलाव
केंद्र सरकार ने रोजगार अधिनियम, 1946 में बदलाव किया है। यह अधिसूचना 16 मार्च से लागू हो चुकी है। अधिसूचना के तहत सरकार ने निश्चित अवधि की नियुक्तियों (कॉन्ट्रैक्ट जॉब) की सुविधा सभी क्षेत्रों के लिए उपलब्ध करवा दी है। पहले यह सुविधा केवल गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए उपलब्ध थी। सरकार ने यह कदम किसी विशेष प्रोजेक्ट को पूरा करने करने के लिए कंपनियों द्वारा बहाली को आसान बनाने के लिए उठाया है।  श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक , आदेश को संशोधित करने के लिए 'गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति' को 'निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति’ से बदला गया है। इसका मतलब है कि अब यह सुविधा केवल गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि सभी क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है। 

स्थाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा के चलते उठाया ये कदम
श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक निश्चित अवधि के रोजगार (कॉन्ट्रैक्ट जॉब) पर नियुक्त कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, काम के घंटे किसी भी सूरत में स्थाई कर्मचारियों से कम नहीं हो सकती है,  लेकिन, उनकी नियुक्ति एक निश्चित अवधि के लिए होगी जिसके बाद यदि सेवा पुनर्स्थापित नहीं की जाती है तो नियुक्ति अपने-आप खत्म हो जाएगी और कर्मचारी किसी तरह के नोटिस या मुआवजे की मांग नहीं कर सकते हैं। 

वित्तमंत्री ने की थी घोषणा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले महीने बजट भाषण में कहा था कि यह सुविधा सभी क्षेत्रों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इस सुविधा के तहत बहाल किए गए उम्मीदवार को हर वह सुविधा मिलती है जो विभिन्न श्रम कानूनों के तहत नियमित कर्मचारियों को दी जाती है। आदेश के संशोधन में कहा गया है कि अस्थायी या बदली कामगारों के मामले में नौकरी से निकाले जाने की पूर्वसूचना दिया जाना अनिवार्य नहीं होगा।  इस तरह से बहाल किए गए वैसे कर्मचारी जिन्होंने तीन महीने से अधिक काम किया हुआ है उन्हें दो सप्ताह का नोटिस दिया जाना जरुरी होगा। 

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