महिलाएं बनी दबंग ,सड़को पर दौड़ा रही गुलाबी ऑटो

Edited By ,Updated: 24 May, 2015 12:12 AM

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शहर की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए शुरू किया गुलाबी ...

रोहतक : शहर की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए शुरू किया गुलाबी ऑटो अभियान प्रगति की ओर है। शहर में इस समय 11 गुलाबी ऑटो चल रहे हैं जिनमें 6 गुलाबी ऑटो जिन्हें महिला चला रही हैं उनमें से अब तक केवल एक ही ऐसा ऑटो था जो प्रॉपर गुलाबी था लेकिन 25 मई से अन्य 5 ऑटो भी पूरी तरह से गुलाबी रंग के नजर आएंगे।  

बता दें कि अब तक प्रोमिला प्रॉपर गुलाबी ऑटो चला रही थी। नीलम, रेखा, कमलेश, रितू और रिचा को जो ऑटो दिए थे उनमें काला रंग भी था जिसे अब पूरी तरह से रिप्लेस कर दिया जाएगा। शनिवार को ऑटो निर्माता कंपनी से शहर में 10 गुलाबी ऑटो पहुंचे। जिनमें से 5 को अम्बाला में भी रोहतक की तर्ज पर शुरू किए अभियान के लिए भेज दिया गया तथा 5 को नीलम, रेखा, कमलेश, रितू और रिचा को दिया जाएगा। 

कविता आवाज लौटने के बाद चलाएगी ऑटो 

पी.जी.आई. के धुरंधर डॉक्टरों की लापरवाही के चलते अपनी आवाज खो बैठे कविता ऑटो चलाने में तो माहिर हो गई है लेकिन आवाज न होने के चलते अभी उसे ऑटो लेकर सड़क पर उतरने का इंतजार करना पड़ेगा। आर.एस.ओ. टीम ने विधायक से मिलकर कविता के ऑप्रेशन के लिए पी.जी.आई. प्रबंधन से बात करने का आग्रह किया था जिस पर 28 मई को पी.जी.आई. के डाक्टरों ने उसे पी.जी.आई. बुलाया है। बता दें कि 1 जनवरी 2010 को पी.जी.आई.एम.एस. में सुनिता ने थॉयरायड का ऑप्रेशन करवाया था। उसके बाद से ही उसकी आवाज चली गई। 
 
जब उसने पी.जी.आई. के डाक्टरों से इसके बारे में बताया तो मामले को दबाने के लिए डाक्टर हर 3 माह बाद उसे चैकअप के लिए बुलाते रहे लेकिन परिणाम सबके सामने है आज कविता बोल नहीं सकती। आॢथक रूप से कमजोर होने के चलते कविता ने ऑटो चलाने का फैसला लिया था। इससे पहले कविता लोगों के घर बर्तन व कपड़े धोती थी।  कविता ने बताया कि किसी के घर बर्तन धोने से अच्छा व्यवसाय है ऑटो चलाना।   

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