Edited By Sonia Goswami,Updated: 13 Sep, 2018 11:51 AM
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव के मद्देनजर जोश से ओतप्रोत प्रेजिडेंशियल डिबेट में उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि कैम्पस में ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ तत्व मौजूद हैं और देश ‘‘लिंचिस्तान’’ में तब्दील हो रहा है। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष पद का चुनाव शुक्रवार...
नई दिल्लीः जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव के मद्देनजर जोश से ओतप्रोत प्रेजिडेंशियल डिबेट में उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि कैम्पस में ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ तत्व मौजूद हैं और देश ‘‘लिंचिस्तान’’ में तब्दील हो रहा है। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष पद का चुनाव शुक्रवार को होना है। अपने भाषण में संयुक्त वाम पैनल के उम्मीदवार और इस दौड़ में सबसे आगे एन.साई. बालाजी ने कहा, ‘‘भीड़ को लोगों को मारने और चले जाने की अनुमति दी गई और उनके पास आरएसएस, केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन है। देश लिंचिस्तान में तब्दील हो रहा है।’’
बालाजी ने बुधवार रात को कहा, ‘‘नोटबंदी नाकाम हो गई, वादे के मुताबिक नौकरियां नहीं है और उच्च शिक्षा पर लगातार हमला हो रहा है।’’ भाजपा की छात्र ईकाई एबीवीपी के उम्मीदवार ललित पांडे ने आरोप लगाया कि कैम्पस में ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ तत्व हैं और उन्होंने वादा कि अगर वह चुनाव जीते तो उन्हें ‘‘ठिकाने’’ लगा देंगे।
राष्ट्रीय जनता दल की छात्र ईकाई ने इस साल पहली बार जेएनयूएसयू चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारा है। उसके उम्मीदवार जयंत कुमार ने कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रत्याशी विकास यादव की तरह उच्च शिक्षा के लिए फंडिंग कम करने, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सीटों की संख्या कम करने तथा उसकी आरक्षण नीति में छेड़छाड़ करने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। बिरसा अंबेडकर फुले छात्र संघ के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी थल्लापेल्ली प्रवीन ने कहा कि उनकी पार्टी कैम्पस के शोषित वर्गों के छात्रों की आवाज का प्रतिनिधित्व करती है।
प्रवीन ने छात्रों से वाम और दक्षिण पंथ से इतर सोचने के लिए कहा। नियमित प्रचार के अलावा जेएनयूएसयू चुनावों में उम्मीदवार प्रेजीडेंशियल डिबेट में अपने एजेंडे के बारे में भाषण देते है जो सवाल-जवाब के एक चरण के बाद होता है। यह कार्यक्रम अमेरिका की प्रेजीडेंशियल डिबेट की तर्ज पर आयोजित किया जाता है और छात्र संघ के चुनाव में यह डिबेट निर्णायक साबित होती है।