म्यामांर में चीन बनाएगा बंदरगाह, भारत के लिए चिंताजनक

Edited By Yaspal,Updated: 09 Nov, 2018 07:57 PM

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हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए चीन बीआरआई परियोजना की मदद से बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है...

बिजनेस डेस्कः हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए चीन बीआरआई परियोजना की मदद से बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है। चीन ने अभी म्यांमार के साथ एक डील साइन की है, पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह का निर्माण पहले से जारी है। भारत के लिए यह रणनीतिक रूप से चिंताजनक बात है।

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कहां-कहां चीन कर रहा निवेश
चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना (बीआरआई) भारत के लिए लगातार चिंता का सबब बनती जा रही है। चीन इस परियोजना की मदद से भारत के पड़ोसी देशों के साथ मिलकर लगातार नई रणनीतिक चुनौंतियां पेश कर रहै है। इसी क्रम में चीन अब म्यामांर में अरबों डॉलर खर्च कर बंदरगाह बनाने की तैयारी में हैं। यह बंदरगाह म्यामांर के क्याप्जू शहर में बनाया जाएगा। जो बंगाल की खाड़ी से लगा हुआ है।

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भारत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
भारत के ले यह बंदरगाह इसलिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि इससे पहले चीन भारत के पड़ोसी देशों में दो बंदरगाह बना चुका है। बीआरआई के तहत बनने वाले म्यामांर के बंदरगाह के लिए पेइचिंग और नैप्यीडॉ (म्यामांर की राजधानी) के बीच गुरुवार को एक डील साइन की गई है। चीन पहले से ही पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह बना रहा है। इसके अलावा श्रीलंका में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हंबनटोटा बंदरगाह को चीन ने 99 साल के लिए लीज पर लिया है।

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क्या है चीनी मीडिया की रिपोर्ट
चीन बांग्लादेश के चटगांव में भी एक बंदरगाह के लिए वित्तीय मदद प्रदान कर रहाहै। अपने पड़ोस में चीन द्वारा तैयार किए जा रहे बंदरगाह को भारत हिंद महासागर में प्रबुत्व स्थापित करने की रणनीति के रूप में देख रहा है। हालांकि म्यामांर भी चीन के बढ़ते निवेश को लेकर चिंतित है और कुछ परियोजना पर नियंत्रण स्थापित किया है। उधर चीनी सरकारी मीडिया ने म्यांमार से बंदरगाह बनाने को लेकर हुई यह डील BRI के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया है। ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में चीन का 70% निवेश, जबकि म्यांमार का 30 फीसदी निवेश होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट पर 2015 से ही बातचीत रुकी हुई थी। इस वजह से BRI की आलोचना हो रही थी और कुछ विदेशी आलोचक इसे चीन के ‘लोन ट्रैप’ के रूप में भी ले रहे थे।

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चीन पर लग रहे आरोप
बता दें कि BRI परियोजना में छोटे देशों को कथित तौर पर लोन के जाल में फंसाने की कोशिश को लेकर चीन की आलोचना हो रही है। चीन समुद्री मार्ग से सटे और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों को कर्ज देकर बंदरगाह जैसे विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है। चीन के कर्जे की वजह से कुछ देशों में राजनीतिक संकट भी पैदा होने के आरोप लगे हैं। इसका मौजूदा उदाहरण श्रीलंका है। चीन श्रीलंका में भी भारी निवेश कर रहा है।

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क्या है चीन की चाल

  • हिंद महासागर में भारत के पड़ोसी देशों के साथ मिल बड़े बंदरगाह बनाने में जुटा चीन
  • चीन-म्यामांर के साथ बंदरगाह की डील, बंगाल की खाड़ी से सटे शहर में होगा निर्माण
  • चीन पाकिस्तान में पहले ही बना रहा है ग्वादर पोर्ट, श्रीलंका का हंबनटोटा भी 99 साल के लिए लीज पर लिया
  • बांग्लादेश के चटगांव में भी एक बंदरगाह को चीन दे रहा आर्थिक मदद
     

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