क्यूबा को अमरीका के पैर का कांटा बनाने वाले कम्युनिस्ट नेता फिदेल कास्त्रो

Edited By ,Updated: 26 Nov, 2016 04:07 PM

former cuban president fidel castro dead

क्यूबा के क्रांतिकारी नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रों का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।मालूम हो, क्यूबा की सन् 1959 में हुई क्रांति...

हवाना:क्यूबा के क्रांतिकारी नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रों का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।मालूम हो, क्यूबा की सन् 1959 में हुई क्रांति के नेता फीदेल कास्त्रो इसी साल अगस्त में अपना 90 वां जन्मदिन मनाया था। स्वास्थ्य कारणों से बहुत कम दिखाई देने वाले कास्त्रो के जन्मदिन पर कार्ल मार्क्स सभागार में समारोह आयोजित किया गया था।समारोह का लाइव टेलीकास्ट पूरे देश ने देखा और खुशियां मनाईं थी। जैसे आधी रात में तारीख बदली, वैसे ही बैंड ने हैप्पी बर्थडे... की धुन बजाई गई थी।

 

- एक तरफ जहां पूरी दुनिया में वामपंथ फीका पड़ता जा रहा है, वहीं क्यूबा में अभी भी लाल झंडा फहराया जाता है,जहां फिदेल कास्त्रो ने 17 साल तक बतौर प्रधानमंत्री और फिर 32 साल तक बतौर राष्ट्रपति देश पर राज किया।

 

- छोटे से क्यूबा को शक्तिशाली पूंजीवादी अमरीका के पैर का कांटा बनाने वाले गुरिल्ला क्रांतिकारी एवं कम्युनिस्ट नेता फिदेल कास्त्रो का कहना था कि वह राजनीति से कभी संन्यास नहीं लेंगे लेकिन उन्हें जुलाई 2006 में आपात स्थिति में आंतों का ऑपरेशन कराना पड़ा जिसके कारण उन्होंने सत्ता अपने भाई राउल कास्त्रो के हाथ में सौंप दी।


- कास्त्रो करीब आधा शताब्दी तक अमरीका की आंख की किरकिरी बने रहे। इस दौरान कई बार उन्हें मारने की साजिश रची गई लेकिन वह बाल-बाल बचते रहे। माना जाता है कि इन साजिशों के पीछे अमरीकी खुफिया संस्था सीआइए थी।फिदेल कास्त्रो सिर्फ महान नेता ही नहीं 'हिम्मती' भी थे क्योंकि जहां पूरी दुनिया अमरीका जैसे देश से पंगा लेने से पीछे हटती है वहीं उसी की 'नाक के नीचे' क्यूबा, जो अमरीका के दक्षिण में स्थित है वामपंथ का हाथ मजबूती से पकड़ रखा है। कास्त्रो की अमरीका से 'पंगा' लेने की आदत को दुनिया भर में काफी दिलचस्पी से देखा जाता रहा है, फिर वो खुलेआम अमरीका के सबसे बड़े दुश्मन रह चुके सोवियत यूनियन से दोस्ती रखना हो।


-अमरीका की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को 45 साल तक झेलने वाले क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने आइजनहावर से लेकर क्लिंटन तक 11 अमरीकी राष्ट्रपतियों का सामना किया।जॉर्ज डब्ल्यू बुश के शासनकाल में उन्हें सबसे ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ा।


- राउल ने अपने भाई के अमरीका विरोधी रख के विपरीत काम करते हुए दिसंबर 2014 में संबंधों में सुधार के लिए अमरीका के राष्ट्रपति बराक आेबामा के साथ हाथ मिलाने की घोषणा करके दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया।


-जैतून के रंग की वर्दी, बेतरतीब दाढ़ी और सिगार पीने के अपने अंदाज के लिए मशहूर फिदेल ने स्वास्थ्य कारणों के चलते अनिच्छा से राजनीति छोड़ी।फिदेल ने अपने देश में पैदा होने वाले असहमति के सुरों पर कड़ा शिकंजा बनाए रखा और वाशिंगटन की मर्जी के विपरीत चलकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई।


-फिदेल को अंतत: राजनीति के खेल में जीत मिली। हालांकि क्यूबा के लोग गरीबी में ही जीते रहे और जिस क्रांति का एक समय बहुत प्रचार किया था, उसने अपनी चमक खो दी। 


- सोवियत यूनियन के ढह जाने के बाद क्यूबा की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का पहुंचा।लेकिन फिदेल कास्त्रो ने तब भी अमरीका से हाथ मिलाना मुनासिब नहीं समझा।बता दें कि 1960 में क्यूबा में स्थित अमरीकी फैक्ट्रियों पर कब्जा करने से वॉशिंगटन का खून खौल गया था।
 

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