Edited By Isha,Updated: 17 Aug, 2018 02:13 PM
इंसान को प्रकृति की सबसे उम्दा और खूबसूरत कृति माना जाता है। क्योंकि इंसान को प्रकृति ने विवेकशील बनाया है जिससे वो अपने अलावा दूसरे जीवों का भी ध्यान रख सकें लेकिन जहां मनुष्य ने अपने विवेक के जरिए कई आश्चर्यजनक
इंटरनैशनल डेस्कः इंसान को प्रकृति की सबसे उम्दा और खूबसूरत कृति माना जाता है। क्योंकि इंसान को प्रकृति ने विवेकशील बनाया है जिससे वो अपने अलावा दूसरे जीवों का भी ध्यान रख सकें लेकिन जहां मनुष्य ने अपने विवेक के जरिए कई आश्चर्यजनक आविष्कार किए हैं तो वहीं मनुष्य ने उसी विवेक का गलत इस्तेमाल करते हुए प्रकृति और पर्यावरण का विनाश लगभग निश्चत कर दिया है। आज हम आपको मनुष्य के सबसे बेहतरीन आविष्कार के बारे में बताने जा रहे हैं। जर्मनी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक,रोबोट को दिन-प्रतिदिन कुशल बनाने की होड़ में कंपनियां उसे इंसानों की तरह ही भावनात्मक शक्तियां देने में लगी हैं। जहां पहले रोबोट सिर्फ हाथ हिलाता था, तो वहीं अब वही रोबोट मनुष्य से दोस्ताना व्यवहार करना सीख गया है और लगातार ऐसा ही रहने पर भविष्य में तस्वीर बदल सकती है।
आपको बता दें कि भविष्य में रोबोट मनुष्यों को अपनी इच्छानुसार काम करने के लिए प्रेरित भी कर सकता है और इसकी शुरूआत अभी से हो चुकी है।दुनिया के कई देशों की बड़ी कंपनियों ने अपने यहां लोगों को नौकरियों से निकाल कर रोबोट से काम करवाना शुरू कर दिया है। हाल ही में humanoid(रोबोट) पर किए गए एक शोध में पाया गया कि उसे अंधेरे में रखने पर वह अंधेरे से डर गया था। यही नही, इसके साथ ही ग्राउंडब्रैकिंग रिसर्च और डुइसबर्ग-एस्सेन विश्वविद्यालय की एक टीम ने अपनी एक शोध में निष्कर्ष निकाला कि मेचनोइड्स नामक रोबोट से उसी तरह व्यवहार किया जाना चाहिए जैसे वो किसी अन्य व्यक्ति के साथ व्यवहार करते हैं। साथ ही, रोबोट से किए गए दुर्व्यवहार को भी ग़लत माना जाएगा।
इस सिद्धांत को साबित करने के लिए, 89 वॉलटिंयर्स से नाओ नामक के एक humanoid(रोबोट) के साथ बातचीत करने के लिए कहा गया। जिसमें कई लोगों ने रोबोट के लिए खेद जताया, और कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने रोबोट को बंद नहीं किया क्योंकि उन्होंने उनसे कुछ नहीं पूछा। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि नाओ ने भयभीत आवाज़ में भी व्यक्ति को संबोधित किया।