Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2018 05:20 PM
पाकिस्तान के अपदस्त पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सशर्त चुनाव लड़ने की मंजूरी दिए जाने को लेकर सवाल उठाया है। नवाज शरीफ का कहना है कि देश में राजद्रोह के आरोपों का सामना करने के बावजूद मुशर्रफ को चुनाव लड़ने की...
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के अपदस्त पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सशर्त चुनाव लड़ने की मंजूरी दिए जाने को लेकर सवाल उठाया है। नवाज शरीफ का कहना है कि देश में राजद्रोह के आरोपों का सामना करने के बावजूद मुशर्रफ को चुनाव लड़ने की अनुमति कैसे मिल सकती है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को परवेज मुशर्रफ को सशर्त आम चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मुशर्रफ 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव के लिए नामांकन दायर कर सकते हैं। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने मुशर्रफ को 13 जून तक अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है। मुशर्रफ इस समय दुबई में हैं।
देश में जो कुछ हो रहा है वह कानून से हटकर: नवाज शरीफ
नवाज शरीफ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘कहां है कानून और संविधान, कहां है धारा 6 और मुशर्रफ के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का पता नहीं। गुरुवार को पाक सुप्रीम कोर्ट ने मुशर्रफ को 13 जून को पेश होने का आदेश दिया और इस बात का आश्वासन दिया कि पेशी के बाद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
नवाज ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश में जो कुछ भी हो रहा है वह कानून से हटकर हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे तो बीमार पत्नी को देखने जाने की भी अनुमति नहीं दी गई।‘ उन्होंने आगे कहा कि अकबर बुग्ती की हत्या और 12 मई को हुए नरसंहार में मुशर्रफ का हाथ था। उन्होंने कहा, ‘दो बार मुशर्रफ ने संविधान की खिलाफत की है फिर भी उन्हें सशर्त चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई जबकि मुझे आजीवन अयोग्य ठहरा दिया गया।‘
बेनजीर भुट्टो हत्या मामले में मुशर्रफ भगोड़ा
मुशर्रफ ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) के प्रमुख हैं। मुशर्रफ 2016 से दुबई में स्वयं निर्वासन का जिंदगी बिता रहे हैं। मुशर्रफ 1999 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्या मामले में उन्हें भगोड़ा करार दिया गया है। चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार ने कहा, ‘कोर्ट में पेशी के समय पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार न करने का हम आदेश जारी करेंगे।‘ मुशर्रफ को वर्ष 2007 में देश में आपातकाल लगाने के लिए मार्च 2014 में राष्ट्रद्रोह के आरोपों में दोषी करार दिया गया था। देश में आपातकाल लगाने के बाद कई वरिष्ठ जजों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था। 100 से अधिक जजों को बर्खास्त कर दिया गया था।