Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 12:07 PM
पाकिस्तान के लाहौर में आतंकवाद विरोधी न्यायालय ने शनिवार को पंजाब प्रांत के कसूर शहर में हुए 7 साल की लड़की ज़ैनब के बलात्कार और हत्या के बहुचर्चित मामले में 2 माह के अंदर ही फैसला सुनाते आरोपी इमरान अली को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद सभी ने...
लाहौर: पाकिस्तान के लाहौर में आतंकवाद विरोधी न्यायालय ने शनिवार को पंजाब प्रांत के कसूर शहर में हुए 7 साल की लड़की ज़ैनब के बलात्कार और हत्या के बहुचर्चित मामले में 2 माह के अंदर ही फैसला सुनाते आरोपी इमरान अली को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद सभी ने अदालत के इस फैसले की तारीफ की पर अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
दरअसल सीरियल किलर ने आज लाहौर उच्च न्यायालय में यह आरोप लगाते हुए अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी है। आरोपी ने कहा कि उसके खिलाफ सुनवाई कानूनी जरूरतें पूरी किए बिना ‘‘जल्दबाजी’’ में की गई है। उसे मौत की सजा सुनाई गई है। एक आतंकवाद रोधी अदालत ने शनिवार को 23 साल के इमरान अली के खिलाफ सुनवाई चार दिन में पूरी करके और उसे मौत की सजा सुना कर देश के इतिहास में सबसे कम समय में सुनवाई पूरी करने का रिकार्ड बनाया। अली को चार आधार पर - बच्ची की हत्या करने, बच्ची का अपहरण करने, नाबालिग का बलात्कार करने और नाबालिग के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने पर - मौत की सजा सुनाई गई। अपनी अपील में आरेापी ने कहा कि वह ‘‘दोषी नहीं’’ है।
उसने कहा कि निचली अदालत में सुनवाई ‘‘जल्दबाजी में की गई और सुनवाई के दौरान कानूनी जरूरतों को पूरा नहीं किया गया। उसने आतंकवाद रोधी अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की है। मौत की सजा के अलावा इमरान को सात साल की कैद की सजा भी सुनाई गई है। उसपर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।