Edited By Tanuja,Updated: 18 Aug, 2020 05:10 PM
सऊदी अरब ने देश में नई क्रांति के तहत महिलाओं के लिए खुलकर जीने व तरक्की के दरवाजे खोल दिए हैं। इसी क्रम में मक्का और मदीना मस्जिद...
दुबईः सऊदी अरब ने देश में नई क्रांति के तहत महिलाओं के लिए खुलकर जीने व तरक्की के दरवाजे खोल दिए हैं। इसी क्रम में मक्का और मदीना मस्जिद में पहली बार महिलाओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। सऊदी अरब प्रशासन ने प्रेस रिलीज के माध्यम से बताया कि मक्का और मदीना मस्जिद में पहली बार 10 महिलाओं की प्रशासनिक और तकनीकी विभाग में नियुक्ति की गई है। सऊदी सरकार के बयान के मुताबिक सरकार ने यह कदम महिलाओं को उनकी क्षमता के मुताबिक काम देने के लिए उठाया है। इन 10 महिलाओं की तैनाती शीर्ष पदों पर हुई है। इससे पहले साल 2018 में 41 महिलाओं की तैनाती मध्यम वर्ग के पदों पर हुई थी।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में महिलाओं को अब कई छूट मिलने लगी हैं। इससे पहले सऊदी अरब में महिलाओं का जीवन घर की चारदीवारी तक सीमित रहता था लेकिन सऊदी अरब के क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान महिलाओं को आगे बढ़ाने की अपनी योजना के मुताबिक महिलाओं को कई तरह की छूट दे रहे हैं। क्रॉउन प्रिंस सलमान ने ही महिलाओं को अकेले गाड़ी चलाने की इजाजत दी थी। बदलाव के महत्वपूरण कदम मोहम्मद मोहम्मद सलमान 'विजन 2030' योजना के मुताबिक उठाए जा रहे हैं ।
इस योजना के मुताबिक मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब को तेल आधारित अर्थ व्यवस्था से हटाकर अन्य सेवा आधारित अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाना चाहते हैं। मौजूदा समय में सऊदी अरब में करीब 1300000 महिलाएं कामकाजी जीवन जीती है, जो सऊदी अरब में कामगारों का 35 फीसदी हिस्सा है.साल 2015 में यह संख्या 816000 थी। सऊदी अरब में आ रहे इन बदलावों के तहत अब महिलाएं भी गाड़ी चला सकती हैं साथ ही अब सिनेमा हॉल भी खोले जा रहे हैं। यही नहीं अब महिलाएं भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा ले सकती हैं।