Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 11 Apr, 2025 09:03 PM
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को समय रहते विफल कर दिया है। यह हमला कराची स्थित मसरूर एयरबेस को निशाना बनाकर किया जाना था, जो पाकिस्तान वायुसेना का एक रणनीतिक रूप से बेहद अहम ठिकाना है।
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को समय रहते विफल कर दिया है। यह हमला कराची स्थित मसरूर एयरबेस को निशाना बनाकर किया जाना था, जो पाकिस्तान वायुसेना का एक रणनीतिक रूप से बेहद अहम ठिकाना है। खुफिया एजेंसियों ने 9 उग्रवादियों को गिरफ्तार कर इस हमले को टाल दिया। गिरफ्तार किए गए 9 में से 5 आतंकियों की पहचान अफगान नागरिकों के रूप में की गई है। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये सभी एक महीने पहले अफगानिस्तान से पाकिस्तान में दाखिल हुए थे। पिछले एक महीने से ये आतंकी एयरबेस के पास के इलाकों में रहकर आसपास की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे और हमले की तैयारी कर रहे थे।
पनाहगाहों से मिले संदिग्ध और विस्फोटक
सुरक्षा एजेंसियों ने कराची में छापा मारकर आतंकियों को उनके ठिकानों से गिरफ्तार किया। इनके पास से बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। एजेंसियों का मानना है कि ये सभी आतंकी मसरूर एयरबेस को एक बड़े धमाके से उड़ाने की योजना में जुटे हुए थे।
टीटीपी के बड़े नेता की साजिश
इस हमले की साजिश तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा रची गई थी। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस पूरे ऑपरेशन की अगुवाई टीटीपी के एक सीनियर कमांडर कर रहा था, जो कुछ महीने पहले कराची में एक चीनी नागरिक की हत्या के बाद अफगानिस्तान भाग गया था।
पहले भी कर चुके हैं हमले
टीटीपी इससे पहले भी कराची में बड़े हमले कर चुकी है। साल 2011 में पाक नौसेना के एयरबेस पर हमला, 2014 में कराची डॉकयार्ड और कराची एयरपोर्ट पर आतंकी हमले इसी संगठन द्वारा अंजाम दिए गए थे। इन हमलों में काफी जान-माल का नुकसान हुआ था और देशभर में दहशत फैल गई थी।
हमले से पहले बड़ी कामयाबी
इस बार समय रहते साजिश का पर्दाफाश कर सुरक्षा एजेंसियों ने न सिर्फ एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया है बल्कि एक बार फिर साबित कर दिया है कि आतंकी गतिविधियों पर नजर रखना और सही समय पर कार्रवाई करना कितना जरूरी है।