वेनेजुएला को लेकर रूस-अमेरिका में बढ़ा तनाव, बने शीतयुद्ध से हालात

Edited By Tanuja,Updated: 30 Mar, 2019 11:21 AM

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वेनेजुएला को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच शीत युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं। इसकी उम्मीद तब और ज्यादा बढ़ गई जब पिछले सप्ताह वेनेजुएला की राजधानी ...

इंटरनेशनल डैस्कः वेनेजुएला को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच शीत युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं। इसकी उम्मीद तब और ज्यादा बढ़ गई जब पिछले सप्ताह वेनेजुएला की राजधानी काराकास के पास सिमन बोलीवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर रूसी विमान पहुंचने पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और रूस ने भी उसका जवाब दिया। अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने रूसी विमानों के आगमन को उकासावे की घटना माना।

अमेरिका की तल्खी का रूस ने दिया कड़ा जबाव
अमेरिका ने तल्ख लफ्जों में रूसी सेना को वेनेजुएला से जाने के लिए कहा तो रूस ने कहा कि रूस और वेनेजुएला अमेरिका के प्रांत नहीं हैं। इससे पहले वेनेजुएला में विपक्षी नेता जुआन गुएदो ने आरोप लगाया था कि कि संकट के समय देश में रूसी सैनिकों की तैनाती से संविधान का उल्लंघन है। गुएदो ने बुधवार को हुई बैठक के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या रूसी हस्तक्षेप से वेनेजुएला में स्थिति जटिल हो रही है? तो ट्रंप ने केवल इतना कहा कि रूस को बाहर जाना होगा।

सभी विकल्प खुलेः ट्रंप
वेनेजुएला के सत्ताधारी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के शासन पर दवाब बढ़ाने के लिए अमेरिका की कार्रवाई के सवाल पर ट्रंप ने कहा कि "उन पर अभी बहुत दवाब है। उनके पास रुपए नहीं है, उनके पास तेल नहीं है, उनके पास कुछ नहीं है। उन पर अभी काफी ज्यादा दवाब है। उनके पास बिजली भी नहीं है।" उन्होंने कहा, "(पहले ही उन पर जितने दबाव हैं, उन्हे देखते हुए) सेना के अलावा उन पर और कोई दवाब नहीं डाला जा सकता.. सभी विकल्प खुले हैं। "

रूस के तेवर भी तीखे
रूस के वेनेजुएला के साथ द्वपक्षीय संबंध जगजाहिर हैं. रूस के संयुक्त राष्ट्र में नियुक्त उप राजदूत दिमित्री पॉलियान्सकी ने ट्विटर पर कहा है कि अमेरिका को दूसरे देशों की भाग्य का फैसला करने का कोई हक नहीं है।  यह हक केवल वेनेजुएला के लोगों और उसके जायज राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा है कि रूस इस इलाके (वेनेजुएला) में सत्ता के संतुलन को नहीं बिगाड़ रहा है और न ही रूस ने अमेरिका से उलट किसी भी नागरिक को धमकी दी है।  उन्होंने कहा कि न तो रूस और न ही वेनेजुएला अमेरिका के प्रांत हैं।

मादुरो ने भी रूस के सुर से सुर मिलाया
 राष्ट्रपति मादुरो ने भी रूस के सुर से सुर मिलाया है। रूस से वेनेजुएला को आर्थिक के साथ-साथ मानवीय सहायता भी मिल रही है। इसी साल 22 फरवरी को वेनेजुएला से 7.5 टन का मानवीय सहायता का सामान मिला था जिसमें दवाइयां, चिकित्सा का सामान, चिकित्सकीय उपकरण और अन्य सामग्री शामिल थे। वेनेजुएला ऐसी ही एक और सहायता की अपेक्षा कर रहा है। मादुरो ने अमेरिका समर्थित विपक्ष के नेता जुआन गुएदो के सार्वजनिक कार्यालय संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

खेल अब ज्यादा खुल गया
रूस और अमेरिका के बीच चल रहा यह खेल अब ज्यादा खुल गया है। रूस अपने निवेश की चिंता में मादुरो को सहयोग देता जा रहा है, वहीं अमेरिका और अन्य देश मादुरो को हटाने के लिए गुएदो का समर्थन कर रहे हैं। इसकी वजह से रूस और अमेरिका में तनावपूर्ण स्थितियां जरूर बनेंगी। अमेरिका सैन्य विकल्प की धमकी देने से भी न चूके तो हैरानी नहीं होगी, लेकिन उसके लिए वेनेजुएला में सेना को भेजना भी आसान नहीं होगा। सारे विकल्प खुले होने की बात ट्रंप पहले ही कह चुके हैं। इतना तय है कि तनाव दोनों तरफ से बढ़ना तय है जो कि अब दिखने भी लगा है।

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