Edited By Yaspal,Updated: 24 May, 2020 09:14 PM
इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर को खाड़ी देशों से बड़ा चंदा मिलता है। करीबी सूत्रों ने बताया कि इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और उसके प्रचार-प्रसार के लिए जाकिर नाइक अमीर लोगों के संपर्क में है। जाकिर नाइक भारतीय भगोड़ों की सूची में शामिल है और इस समय...
नई दिल्लीः इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर को खाड़ी देशों से बड़ा चंदा मिल रहा है। करीबी सूत्रों ने बताया कि इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और उसके प्रचार-प्रसार के लिए जाकिर नाइक कतर और यूएई देश के अमीर लोगों के संपर्क में है। जाकिर नाइक भारतीय भगोड़ों की सूची में शामिल है और मलेशिया में रह रहा है। भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए लगातार प्रयास कर रही है लेकिन मलेशियाई सरकार जाकिर नाइक को बचा रही है।
हाल में ही नाइक ने कथित तौर पर अपने सबसे पुराने करीबियों में से एक अब्दुल्ला अली अल इमादी रमजान के दौरान फोन कर चंदा देने का अनुरोध किया है। माना जा रहा है कि इमादी ने उन्हें 500,000 डॉलर देने आश्वासन दिया है। जानकारी के मुताबिक मोहम्मद सिद्दीकी अल इमादी कथित रूप से नाइक का करीबी सहयोगी है और उसे चंदा इकट्ठा करने में स्थानीय धनी व्यापारियों और संगठनों से संपर्क करने में मदद करता है।
बता दें कि नाइक मुंबई से एक इस्लामिक उपदेशक और टीवी प्रचारक है। वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरपी) और पीस टीवी के संस्थापक हैं, जो सऊदी अरब से उर्दू और अंग्रेजी में प्रसारित एक इस्लामिक टीवी चैनल है। वह कई स्थानीय कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों जैसे दक्षिण कर्नाटक सलाफी आंदोलन और अल-लिसान इस्लामिक फाउंडेशन से भी जुड़ा हुआ है।
नाइक ने भारत सरकार की जांच से बचने के लिए इस तरह के चंदा इकट्ठा करने के लिए कतर और यूएई सहित खाड़ी देशों में कई बैंक खातों खोल हुए हैं। वह आम तौर पर आईआरएफ और अन्य संबद्ध संगठनों द्वारा गतिविधियों के लिए अपने सहयोगियों और नेटवर्क को चंदा बांटने लिए इन खातों का उपयोग करता है। भारत सरकार ने आईआरएफ पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। नाइक कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा का प्रचार करने में शामिल है जिसने भारत और विदेशों में कई युवाओं को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित किया है और उनमें से कुछ को दाइश जैसे चरमपंथी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया है।