Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Dec, 2019 01:13 PM
जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35-ए को हटाए जाने के बाद लगातार जम्मू कश्मीर में सियासत ही खत्म हो चुकी थी। लेकिन पहली बार जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं ने धारा 370 और 35-ए हटने के बाद एक बैठक की जिसमें नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के साथ-साथ...
जम्मू: जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35-ए को हटाए जाने के बाद लगातार जम्मू कश्मीर में सियासत ही खत्म हो चुकी थी। लेकिन पहली बार जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं ने धारा 370 और 35-ए हटने के बाद एक बैठक की जिसमें नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के साथ-साथ 500 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। इस बैठक में सभी कार्यकर्ताओं ने नजरबंद नेताओ की रिहाई की मांग की।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व जज मुजफ्फर इकबाल खान ने कहा कि हम अपने नेताओं की रिहाई चाहते हैं। अगर उन्हें रिहा नहीं किया गया तो हम प्रदर्शन करेंगे और सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि यूटी और राज्य में कोई ज्यादा अंतर नहीं है जहां सरकार एक तरफ यह कह रही है कि आतंकवाद खत्म हो गया तो मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को इन लोगों ने बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि क्या यूटी बनने के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं नहीं हुई उन्होंने कहा कि यह सरासर गलत है यहां आतंकी घटनाएं बड़ी है।
आज कश्मीर का क्या हाल है यह लोग बोल कुछ और रहे है और हो रहा कुछ और। अमित शाह और मोदी दोनों ही लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर की क्या हालत है यह सब लोग जानते हैं पर जो भी यहां पर बोलना चाहता है। उसे उठाकर जेल में डाल दिया जाता है। क्या हम लोगो को बोलने का भी हक नहीं है? अपनी आवाज़ भी नहीं उठा सकते हम क्या? , उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं को भी बंदी बनाकर रखा हुआ है हम भी इंतजार कर रहे हैं और सब कुछ देख रहे हैं।
नेताओं के इशारे पर चुप हैं, नेशनल कान्फ्रेंस
उन्होंने कहा कि मुझे आज एक खुशी भी है कि 4 महीने बाद भी नेशनल कान्फ्रेंस का वर्कर नेशनल कांफ्रेंस का है उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो जम्मू कश्मीर के लिए सोच रही है वो यहा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर हमें जेलों में जाना पड़ा और सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने पड़ा तो भी हम जम्मू कश्मीर के लिए और अपने नेताओं के लिए करेंगे बस हम अपने नेताओ के इशारे का इंतज़ार कर रहे है उन्होने हुमे अभी चुप रहने को बोला है इस लिए हम चुप हैं।