Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Feb, 2020 02:36 PM
जम्मू के नगरोटा में बन टोल प्लाजा के समीप आज हुए आतंकी हमले को बहादुर जवानों ने विफल कर दिया, जिसके साथ ही आतंक की एक बड़ी साजिश भी विफल कर दी गई है। क्या उक्त हमले की वजह सुरक्षा में चूक रही होगी, क्योंकि उक्त ट्रक उक्त आतंकियों को लेकर जा रहा...
कठुआ(महाजन): जम्मू के नगरोटा में बन टोल प्लाजा के समीप आज हुए आतंकी हमले को बहादुर जवानों ने विफल कर दिया, जिसके साथ ही आतंक की एक बड़ी साजिश भी विफल कर दी गई है। क्या उक्त हमले की वजह सुरक्षा में चूक रही होगी, क्योंकि उक्त ट्रक उक्त आतंकियों को लेकर जा रहा लखनपुर से गुजरा था। आतंकी बन टोल प्लाजा तक कैसे पहुंचे और लखनपुर से बन टोल प्लाजा तक के लगभग 120 किलोमीटर लम्बे रास्ते तक पकड़े क्यों नहीं जा सके, यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा सवाल है और जांच का विषय बन गया है।
उल्लेखनीय है कि 12 सितम्बर, 2019 को जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर लखनपुर में एक ट्रक में से 6 ए.के.-47 राइफलें पकड़ी गई थीं। यह ट्रक भी पंजाब से कश्मीर की ओर जा रहा था। वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस के डी.जी.पी. दिलबाग सिंह कह चुके हैं कि इस मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकी मार गिराए गए हैं, जिनके पास से छह हथियार बरामद हुए हैं। संदेह है कि यह आतंकी कठुआ जिले के हीरानगर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से दाखिल हुए हों।
ट्रक 2 दिन पहले लखनपुर से J&K में हुआ दाखिल
दूसरी तरफ BSF के DIG अखिलेश्वर सिंह ने भी कहा कि जिस जगह के बारे में पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई है, वहां पर बी.एस.एफ. की टीम ने दौरा किया है। मौके पर कहीं से फैंसिंग नहीं कटी हुई है और न ही घुसपैठ की कोई जानकारी है, लेकिन बताया जाता है कि जिस ट्रक (नं.-जे.के.-03, एफ.-1478) में आज आतंकियों ने बन टोल प्लाजा के समीप हमला किया वह ट्रक 2 दिन पहले लखनपुर से जम्मू-कश्मीर में दाखिल हुआ है और इस ट्रक ने लखनपुर में म्यूनिसिपल कमेटी की एंट्री फीस भी जमा करवाई है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के लिए इस बात की तह तक पहुंचना बेहद जरूरी है कि क्या वाकई में ये आतंकी हीरानगर सेक्टर से सीमा पार कर के घुसे हैं या ट्रक के अन्दर से ही पंजाब से होते हुए लखनपुर में प्रवेश किया है?
बहादुर जवानों ने जान पर खेलकर साजिश को किया नाकाम
ऐसी स्थिति में लखनपुर में पुलिस द्वारा बड़ी सुरक्षा चूक हुई है। अगर आतंकी हीरानगर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से दाखिल हुए तो क्या यह ट्रक पहले से हथियार लेकर जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर चुका था, जैसे कि सितम्बर 2019 में एक ट्रक में से 6 ए.के.-47 राइफलें लखनपुर में बरामद की गई थीं। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब ढूंढने में सुरक्षा एजेंसियां लग गई हैं। बहरहाल देश के बहादुर जवानों ने जान पर खेल कर आतंक की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। नगरोटा हमले के बाद लखनपुर में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और आने-जाने वाले सभी वाहनों की कड़ी जांच की जा रही है। पुलिस द्वारा लोगों से भी यह अपील की गई है कि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पुलिस तक पहुंचाया जाए।
पहले भी हो चुके हैं आतंकी हमले
उल्लेखनीय है कि नवम्बर, 2016 में भी नगरोटा में आर्मी कैम्प पर आतंकी हमला हो चुका है, जिसमें 7 आर्मी के जवान मारे गए थे, जिनमें 2 अधिकारी भी शामिल थे। सितम्बर, 2018 में जम्मू से 27 कि.मी. दूर झज्जर कोटली इलाके में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर आतंकियों ने सुबह सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था। हालांकि इस हमले में सुरक्षा बल का कोई जवान घायल नहीं हुआ था, लेकिन आतंकियों ने ड्यूटी पर खाकी वर्दी पहन कर जा रहे सैरीकल्चर विभाग के माली को निशाना बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।