7 प्रतिशत से कम रहेगी भारत की वृद्धि दर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 02:01 PM

india  s growth rate will be less than 7 percent

भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत से कम रहेगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के क्रियान्वयन से पैदा हुई अड़चनों तथा नोटबंदी के प्रभाव से

नई दिल्ली : भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत से कम रहेगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के क्रियान्वयन से पैदा हुई अड़चनों तथा नोटबंदी के प्रभाव से भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पर असर पड़ेगा। वित्त वर्ष 2016-17 में आॢथक वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी। वहीं 2015-16 में यह 8 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सी.एस.ओ.) शुक्रवार को राष्ट्रीय आय 2017-18 का अग्रिम अनुमान जारी करेगा।

एस.बी.आई. रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘‘जी.डी.पी. वृद्धि दर के लिए 7 प्रतिशत का आंकड़ा पार करना काफी कठिन है। यह तभी हो सकता है जब आधार को नीचे की ओर संशोधित किया जाए। तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।’’  पूर्ववर्ती योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जी.डी.पी. की वृद्धि दर 6.2 से 6.3 प्रतिशत रहेगी। एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सुगाता भट्टाचार्य ने कहा कि सकल मूल्य वर्धन (जी.वी.ए.) 6.6 से 6.8 प्रतिशत रहेगा। यदि करों का संग्रह ऊंचा रहता है तो जी.डी.पी. की वृद्धि दर अधिक रह सकती है। 

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