दिल्ली में AAP और कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा के साथ, वहीं बीजेपी की नजर हैट्रिक पर

Edited By Utsav Singh,Updated: 17 Apr, 2024 04:29 PM

aap and congress have a fight with bjp while bjp is eyeing a hat trick

भाजपा की नजर अपना वोट प्रतिशत बढ़ाकर लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीट जीतने पर है, जबकि कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही आप को उम्मीद है कि गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति ‘सहानुभूति की लहर' का लाभ उठाकर वह भगवा दल...

 नेशनल डेस्क : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजर अपना वोट प्रतिशत बढ़ाकर लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीट जीतने पर है, जबकि कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) को उम्मीद है कि गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति ‘सहानुभूति की लहर' का लाभ उठाकर वह भगवा दल की जीत के सिलसिले को तोड़ने में कामयाब रहेगी। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दल कांग्रेस और आप दिल्ली लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं इसिलए उनके भाजपा से सीधे मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है।

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दोनों ने तेजतर्रार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा
आप ने 4 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस 3 सीट पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा और आप-कांग्रेस गठबंधन, दोनों ने तेजतर्रार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिससे चुनावी जीत हासिल करने के लिहाज से कड़े मुकाबले का माहौल तैयार हो गया है। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि इस बार पार्टी के लिए चुनौती जीत का अंतर बढ़ाना है। पूर्वांचल से जुड़े लोगों और मुसलमानों के प्रभुत्व वाली पूर्वोत्तर दिल्ली सीट पर बिहार के 2 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। भाजपा ने इस सीट पर मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है जो लोकसभा में तीसरी बार पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि कन्हैया कुमार कांग्रेस की तरफ से पहली बार चुनावी मैदान में होंगे। कुमार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय सीट से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकप) के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन असफल रहे थे।

तिवारी के पास सीट बरकरार रखने की अधिक संभावना
दिल्ली में एक भाजपा नेता ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त कहा कि तिवारी के पास सीट बरकरार रखने की अधिक संभावना है। उन्होंने कहा कि एक छात्र नेता के रूप में कुमार के अतीत और वामपंथ से उनके जुड़ाव के चलते ‘ध्रुवीकरण प्रभाव' की संभावना है। कांग्रेस 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले की इस अहम लड़ाई में अपनी छाप छोड़ने के लिए कुमार की लोकप्रियता और उनके वक्तृत्व कौशल और वाकपटुता का फायदा उठाना चाह रही है। पूर्वी दिल्ली में आप ने अपने दलित विधायक कुलदीप कुमार को सामान्य सीट से मैदान में उतारा है जिसका विभिन्न लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले 12 आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों के समुदाय के मतदाताओं पर असर पड़ सकता है।

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दिल्ली में भाजपा को कुल वोट में से 56.5 % वोट मिले
पूर्वी दिल्ली सीट पर वर्ष 2019 में गौतम गंभीर ने कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 3.39 लाख वोट से हराकर जीत हासिल की थी, जबकि आप नेता आतिशी तीसरे स्थान पर रही थीं। इस बार कांग्रेस और आप, दोनों मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन भाजपा को भरोसा है कि वह सभी 7 सीट पर चुनाव जीतने में सफल रहेगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हर सीट पर भाजपा प्रत्याशियों को मिले वोट कांग्रेस और आप के प्रत्याशियों को मिले कुल वोट से अधिक थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में, दिल्ली में भाजपा को कुल पड़े वोट में से 56.5 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 22 फीसदी और आप को 18.1 फीसदी से संतोष करना पड़ा था।

भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने में जातीय समीकरणों को भी साधने का प्रयास किया है। भाजपा ने पूर्वी दिल्ली से पंजाबी नेता हर्ष मल्होत्रा, चांदनी चौक से बनिया नेता प्रवीण खंडेलवाल, दक्षिणी दिल्ली से विधायक और गुर्जर नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली से जाट नेता कमलजीत सहरावत और उत्तर-पश्चिम दिल्ली (आरक्षित सीट) से दलित नेता योगेन्द्र चंदोलिया को मैदान में उतारा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि इसने दो महिला उम्मीदवारों -सहरावत और बांसुरी स्वराज को मैदान में उतारा है और इससे अधिक महिला वोट हासिल करने में मदद मिलेगी।

AAP सहानुभूति के माध्यम से चुनावी लाभ उठाना चाह रही
दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप सहानुभूति के माध्यम से चुनावी लाभ उठाना चाह रही है। आप का चुनावी अभियान भी केजरीवाल की गिरफ्तारी के इर्द-गिर्द घूम रहा है। आप का ‘जेल का जवाब वोट से' अभियान के तहत लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे केजरीवाल की गिरफ्तारी का जवाब अपने वोटों से दें। इस महीने की शुरुआत में समाचार एजेंसी के मुख्यालय में यहां संपादकों के साथ बातचीत में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था, ‘‘इस समय मुझे दिल्ली के बाहर की स्थिति के बारे में नहीं पता, लेकिन मैं दिल्ली के बारे में विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आप और केजरीवाल के प्रति लोगों में भारी सहानुभूति है। यहां तक ​​कि भाजपा का समर्थन करने वाले लोग भी महसूस कर रहे हैं कि यह अति है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था।''

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आप ने तीन बार के विधायक सोमनाथ भारती को नयी दिल्ली सीट से और सहीराम पहलवान को दक्षिण दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है। आप ने पश्चिमी दिल्ली सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने चांदनी चौक सीट से जेपी अग्रवाल को और उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट से भाजपा के पूर्व सांसद उदित राज को अपना उम्मीदवार बनया है।

 

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