देश में प्याज की बढ़ रही कीमतों को लेकर जहां आम आदमी का बजट हिल गया है वहीं रसोई घर में इसकी मौजूदगी भी काफी कम हो गई है। संसद में मंगलवार को प्याज की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया गया। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, सुशील गुप्ता संसद परिसर में गले में प्याज की माला डालकर पहुंचे।
नई दिल्ली: देश में प्याज की बढ़ रही कीमतों को लेकर जहां आम आदमी का बजट हिल गया है वहीं रसोई घर में इसकी मौजूदगी भी काफी कम हो गई है। संसद में मंगलवार को प्याज की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया गया। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, सुशील गुप्ता संसद परिसर में गले में प्याज की माला डालकर पहुंचे। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार के बीच प्याज के दाम को लेकर ट्विटर पर भी वॉर छिड़ी हुई है। लगातार आम आदमी पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बीच कई बार सोशल मीडिया पर तू-तू मैं-मैं हुई।
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के. के. रागेश ने राज्यसभा में प्याज की आसमान छूती कीमतों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश मे ठीक से भंडारण के अभाव में 32 हजार टन प्याज सड़ गया और लोग 120 रुपए प्रति किलोग्राम प्याज खरीदने को मजबूर है जबकि सरकार मूक दर्शक बनी है। माकपा सदस्य ने कहा कि नवम्बर से दिसंबर हो गए। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। उसने हस्तक्षेप क्यों नही किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोग प्याज महंगे दाम में बेचते है लेकिन सरकार कारर्वाई नहीं करती बल्कि उनका संरक्षण करती है।

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