Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Apr, 2024 02:08 PM
देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की निगरानी के लिए जरूरी सिस्टम तैयार करने पर गंभीर विचार चल रहा है। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सदस्यों से मिलकर बनी कमेटी ने सिफारिश की है कि इसके लिए एक अंतर मंत्रालयीन कमेटी का गठन हो। पिछले माह...
नेशनल डेस्क. देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की निगरानी के लिए जरूरी सिस्टम तैयार करने पर गंभीर विचार चल रहा है। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सदस्यों से मिलकर बनी कमेटी ने सिफारिश की है कि इसके लिए एक अंतर मंत्रालयीन कमेटी का गठन हो। पिछले माह सौंपी गई सिफारिश में कहा गया है कि यह काम सरकार से जुड़ी सभी मंत्रालय मिलकर करें।
इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ केंद्र के हर मंत्रालय को निगरानी तंत्र में कोई न कोई भूमिका दी जाए सिफारिश में कहा गया है कि कंपनियों को यह बताना होगा कि अगर उनके एआई प्लेटफॉर्म से किसी यूजर्स को नुकसान होता है तो उस स्थिति में कंपनी क्या करेगी?
सूत्रों ने बताया कि बाजा नियामक सेबी एल्गोरिदेमिक ट्रेडिंग करने वाल कंपनियों को तब तक ही प्रोप्रिएटर टेक्नोलॉजी क उपयोग करने की अनुमति देता है, जब तक वे कुछ गलत न करें। अगर कुछ गलत होता है तो कंपनियों को बाजार नियामक को यह जानकारी देनी होती है कि यह कैसे और क्यों हुआ। एआई रेगुलेशन भी इसी तरह से हो सकता है।